Shimla News: आर्थिक तंगहाली से जूझ रही हिमाचल प्रदेश सरकार को उम्मीद की एक और किरण नजर आई है। राज्य सरकार 17 मार्च को पेश किए जाने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में प्रवासी विभाग (ओवरसीज) बनाने की घोषणा करने की तैयारी कर चुकी है।
इस बजट में विदेशों में बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम कर रहे हिमाचल प्रदेश के लोगों से मदद लेने पर विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को शिमला के कसुम्पटी स्थित स्कूल में हुए वार्षिक समारोह में इसका खुलासा किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश जिस तरह से कर्ज में डूबा है, इसे पटरी पर लाने में कम से कम चार साल लग जाएंगे। सुक्खू ने कहा कि दिल्ली में हिंदुस्तान के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर हिमाचल प्रदेश से हैं। विश्व की बड़ी कंपनियों में बडे़-बडे़ लोग काम कर रहे हैं। इनमें से कई लोग हिमाचल की मदद करना चाहते हैं। आम सरकारी स्कूलों से पढ़कर ऐसे लोग आज दुनिया भर में हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं और बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिक बन गए हैं।
वहीं, सूत्रों के अनुसार सरकार चाहती है कि विदेशों में बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम कर रहे लोग प्रदेश में निवेश और अपने राज्य की आर्थिक उन्नति की संभावनाओं पर काम करेंगे तो इससे भी यहां की आर्थिकी को दुरुस्त किया जा सकता है। यह विभाग ऐसी तमाम संभावनाओं पर काम करेगा। यह विभाग विदेशों में कार्यरत हिमाचलियों और अध्ययनरत विद्यार्थियों की सुविधाएं सुनिश्चित करने पर भी काम करेगा।
गरीब बच्चे जो फीस नहीं दे सकते, उनके लिए भी आएगी बजट में योजना
सीएम ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाए जाएंगे। शिक्षा का पूरा क्षेत्र बदल रहा है। बच्चे आने वाले वक्त में समाज के प्रति जागरूक इंसान बनेंगे। गरीब बच्चे जो पढ़ नहीं सकते हैं, जिनके पास फीस देने के लिए पैसा नहीं होता है, उनके लिए बजट में एक बड़ी योजना लेकर आएंगे। अभी इस योजना का नाम नहीं बताएंगे। सीएम ने कहा कि आने वाले समय में आधुनिक कोर्स जैसे रोबोटिक्स आदि भी शिक्षा पद्धति में जोड़ेंगे।