Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में एक अनोखी पहल को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। मिड-डे मील योजना के तहत ‘तिथि भोजन’ की परंपरा को पुनर्जीवित किया जाएगा। इसके तहत लोग अपने खास अवसरों पर बच्चों को भोजन करवा सकेंगे। इसका उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाना है।
बुधवार को मुख्य सचिव संजय गुप्ता की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला किया गया। अधिकारियों का मानना है कि इससे स्कूल और समुदाय के बीच एक मजबूत बंधन बनेगा। बच्चों को पौष्टिक भोजन मिलने के साथ ही सामाजिक जुड़ाव भी बढ़ेगा।
कैसे काम करेगी तिथि भोजन योजना?
इस योजनाके तहत कोई भी व्यक्ति अपने जन्मदिन, शादी की सालगिरह या किसी अन्य खुशी के मौके पर स्कूल के बच्चों को भोजन देना चाहेगा। इसके लिए उसे संबंधित स्कूल की स्कूल प्रबंधन समिति के पास आवेदन देना होगा। एसएमसी ही तारीख और मेनू तय करेगी।
भोजन तैयार करने की जिम्मेदारी स्कूल परिसर में ही रहेगी। बाहर से तैयार खाना लाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस नियम का पालन भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। यह योजना मिड-डे मील के मौजूदा नियमों के दायरे में ही चलेगी।
जागरूकता अभियान चलाएगा शिक्षा विभाग
शिक्षानिदेशक आशीष कोहली के अनुसार यह योजना पहले भी अस्तित्व में थी। लेकिन लोगों में जागरूकता की कमी के कारण यह प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पाई। अब शिक्षा विभाग इसे फिर से सक्रिय तरीके से लागू करेगा। इसके लिए एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
इस अभियान के माध्यम से अभिभावकों और स्थानीय समुदाय को योजना के बारे में बताया जाएगा। लोगों को इसके सामाजिक महत्व से अवगत कराया जाएगा। विभाग का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोग इस पहल से जुड़ें और इसे सफल बनाएं। यह समाज और शिक्षा व्यवस्था के बीच सेतु का काम करेगी।
सामाजिक सहभागिता पर जोर
सरकार कीयह पहल सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए समुदाय की भागीदारी जरूरी है। तिथि भोजन जैसी योजनाएं इस भागीदारी को मूर्त रूप देती हैं। इससे स्कूली शिक्षा का वातावरण और समृद्ध होगा।
इस निर्णय से स्कूली बच्चों को विविध और स्वादिष्ट भोजन भी मिल सकेगा। यह उनके पोषण स्तर को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकता है। साथ ही, बच्चे समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से सीधे जुड़ाव का अनुभव प्राप्त करेंगे। यह उनके सामाजिक विकास के लिए भी लाभदायक है।
