Solan News: परवाणू में माइक्रोटेक कंपनी हजारों लोगों के साथ जुड़ी है। इस उद्योग के चलने से कई ट्रांसपोर्टर, छोटी दुकानें, थर्ड पार्टी उद्योग इस समय चल रहे हैं। वहीं, अब उद्योग बंद होने की सुगबुगाहट से हजारों लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं। बेरोजगारी के साथ-साथ परिवार को संभालने की भी फिक्र सताने लगी है।
परवाणू का यह उद्योग करीब 130 कर्मियों को कंपनी में प्रवेश नहीं दे रहा है। उन्हें दूर किसी अन्य उद्योग में शिफ्ट करने का प्रयास चल रहा है। कुछ कर्मियों से रिजाइन मांगा जा रहा है। शुक्रवार को कंपनी ने कुछ कर्मचारियों को अंदर आने से रोका था और शनिवार रविवार को भी कर्मचारियों को कंपनी में आने से रोक दिया, जिसकी शिकायत कर्मचारियों ने पुलिस थाना परवाणू में दर्ज कराई है।
कंपनी पर लगे मनमाने ढंग से काम करने के आरोप
अपनी शिकायत में कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि कंपनी प्रबंधन, कर्मचारियों को धमका रहे हैं। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि कंपनी कर्मचारियों को जबरन स्थानांतरित कर रही है और कुछ कर्मचारियों को जबरन 300 किलोमीटर दूर कार्यभार संभालने पर दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कंपनी कर्मचारियों पर तोड़-फोड़ के झूठे इल्जाम लगा रही है जबकि कंपनी प्रबंधन स्वयं नियमों के खिलाफ कर्मचारियों को गेट पर रोक कर माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है। इतना ही नहीं, श्रम निरीक्षक को दिए निर्देशों को भी प्रबंधन नहीं मान रहा है।
कर्मचारियों ने कंपनी प्रबंधन के ऊपर लगाए गंभीर आरोप
कर्मचारियों ने आशंका जताते हुए यह भी कहा कि उनके साथ होने वाली किसी भी अप्रिय घटना के लिए कंपनी प्रबंधन जिम्मेदार होगा। वहीं, सीटू के उपाध्यक्ष ओमदत्त शर्मा ने प्रेस नोट जारी कर उद्योग के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 15 सितंबर को श्रम निरीक्षक ने कंपनी प्रबंधन को लिखित मे आदेश दिये कि वह डेपुटेशन के आदेश को वापिस ले और कामगारो को कंपनी मे आने दे। लेकिन, शनिवार को भी वर्कर्स को कंपनी में नहीं जाने दिया और वह गेट के बाहर ही बैठे रहे।
19 सितंबर तक सुनवाई न होने पर करेंगे धरना प्रदर्शन
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि 19 सितम्बर की वार्ता मे यदि कोई हल नही निकलता है तो कामगार कंपनी के गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे। इस बारे में बात करने पर डीएसपी प्रणव चौहान ने बताया कि कर्मचारियों की ओर से शिकायत दी गई है जिस पर दोनों पक्षों को शांति से मामले को सुलझाने को कहा गया है।