शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

मौसम विभाग: उत्तर भारत में कंपकंपाती ठंड, दक्षिण में भारी बारिश का अलर्ट

Share

National News: देश का मौसम एकसाथ दो चरम स्थितियों का सामना कर रहा है। उत्तर और मध्य भारत के कई राज्यों में शीतलहर ने दस्तक दे दी है, वहीं दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के नवीनतम पूर्वानुमान के अनुसार, यह मौसमी बदलाव आने वाले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है। इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य, यातायात और कृषि क्षेत्र पर पड़ने की आशंका है।

मौसम विभाग ने बताया कि 15 और 16 नवंबर को शीतलहर का प्रकोप सबसे अधिक रहेगा। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में शीतलहर चलने के अधिक आसार हैं। इन क्षेत्रों में रात और सुबह के तापमान में तेज गिरावट दर्ज की जा रही है, जिससे सर्दी का अहसास बढ़ गया है।

उत्तराखंड और हिमाचल में शीतलहर

उत्तराखंड केपहाड़ी इलाकों में मौसम शुष्क है लेकिन रातें बेहद ठंडी हो गई हैं। पहाड़ों पर हल्के कोहरे के साथ सर्द मौसम बना हुआ है। अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है। पाला पड़ने से सर्दी का प्रकोप और बढ़ गया है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी सुबह-शाम कड़ाके की ठंड पड़ रही है।

हिमाचल के पहाड़ी शहरों में तापमान शून्य से नीचे पहुंच गया है। ताबो में न्यूनतम तापमान माइनस 5.3 डिग्री दर्ज किया गया। कुकुमसेरी में माइनस 4.1 और केलांग में माइनस 3.6 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक मौसम के साफ रहने का अनुमान जताया है।

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ती ठंड

राष्ट्रीय राजधानीदिल्ली और आसपास के इलाकों में सर्द हवाओं के कारण तापमान में लगातार गिरावट जारी है। मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले दिनों में यहां कोहरा और धुंध छाई रह सकती है। ठंड बढ़ने के साथ-साथ वायु प्रदूषण ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंच गया है।

यह भी पढ़ें:  मध्यप्रदेश: डेढ़ महीने के मासूम की मां ने की निर्मम हत्या, पुलिस ने किया गिरफ्तार

आज दिल्ली में अधिकतम तापमान 25 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। विभाग ने चेतावनी दी है कि तापमान में और गिरावट आ सकती है। न्यूनतम तापमान नौ डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। इससे रात और सुबह के समय ठंड का प्रकोप और बढ़ेगा।

दक्षिण भारत में भारी बारिश

दक्षिण भारत मेंउत्तर-पूर्वी मानसून सक्रिय हो गया है। श्रीलंका के दक्षिणी हिस्से और बंगाल की खाड़ी पर बने मौसमी systems के कारण भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने तमिलनाडु, केरल और द्वीप समूहों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

केरल, माहे, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के कुछ हिस्सों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन क्षेत्रों में 64.5 से 115.5 मिमी तक बारिश हो सकती है। तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। तमिलनाडु और पुडुचेरी में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की भी आशंका है।

कोहरे का यातायात पर असर

मौसम विभाग नेबताया कि अगले पांच दिनों तक उत्तर प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के कई इलाकों में हल्का से मध्यम कोहरा छाया रह सकता है। पंजाब, असम, मेघालय, बिहार और पश्चिम मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में दृश्यता घटकर 500 मीटर तक रह गई है।

यह भी पढ़ें:  मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री ने रक्षाबंधन पर 1.26 करोड़ लाडली बहनों को दिए 1,500 रुपये, उज्ज्वला योजना को भी मिले 43.90 करोड़

कोहरे का सबसे बड़ा असर सड़क और रेल यातायात पर पड़ता है। कम दृश्यता के कारण दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। वाहन चालकों को गति सीमित रखने और फॉग लाइट का सही उपयोग करने की सलाह दी जाती है। सड़क पर अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।

स्वास्थ्य संबंधी सलाह

अचानक ठंड बढ़नेसे स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। लंबे समय तक ठंड में रहने से सर्दी-जुकाम और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि शरीर में कंपकंपी को नजरअंदाज न करें। यह शरीर में गर्मी कम होने का पहला संकेत है।

अत्यधिक ठंड में फ्रॉस्टबाइट का खतरा भी रहता है। इसमें त्वचा के ऊतक जम सकते हैं। हाथ-पैर की उंगलियों, नाक और कान जैसे अंग प्रभावित होते हैं। गंभीर मामलों में तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए। किसानों और पशुपालकों को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है।

कृषि पर प्रभाव

मौसम मेंआए इस बदलाव का कृषि पर सीधा असर पड़ेगा। उत्तरी और मध्य भारत में शीतलहर और पाले से सब्जियों और अन्य फसलों को नुकसान हो सकता है। वहीं दक्षिणी राज्यों में भारी बारिश से धान की फसल और सब्जियों को हानि पहुंच सकती है।

किसानों को फसलों को ठंड और पाले से बचाने के उपाय करने चाहिए। पशुपालकों को पशुओं के लिए गर्म स्थान और पर्याप्त भोजन-पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए। इससे पशु मौसम के दुष्प्रभाव से सुरक्षित रह सकेंगे। स्थानीय प्रशासन को भी आवश्यक तैयारी करनी चाहिए।

Read more

Related News