Brussels News: भगोड़े हीरा कारोबारी Mehul Choksi को बेल्जियम से करारा झटका लगा है। वहां के सुप्रीम कोर्ट ने उसकी उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण का विरोध किया था। यह मामला पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हुए 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा है। कोर्ट ऑफ कैसेशन ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाया। अधिकारियों के अनुसार, अब अपीली अदालत का वह फैसला लागू रहेगा जिसमें भारत की मांग को सही माना गया था। इस फैसले से चोकसी को भारत लाने की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं।
बेल्जियम कोर्ट का कड़ा रुख
कोर्ट ऑफ कैसेशन के प्रवक्ता हेनरी वेंडरलिंडेन ने पुष्टि की है कि अपील खारिज हो चुकी है। इसका सीधा मतलब है कि एंटवर्प की अपीली अदालत का पुराना फैसला मान्य होगा। एंटवर्प कोर्ट ने माना था कि भारत का प्रत्यर्पण अनुरोध कानूनी रूप से सही है।
- जिला अदालत ने मई 2018 और जून 2021 के वारंट को सही माना था।
- मुंबई की विशेष अदालत ने ये गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे।
- अपीली अदालत को निचले कोर्ट के आदेश में कोई कमी नहीं मिली।
अदालत ने स्पष्ट किया कि Mehul Choksi को भारत सौंपने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है।
सुरक्षा और निष्पक्ष सुनवाई पर भरोसा
अपीली अदालत ने चोकसी की उन दलीलों को भी खारिज कर दिया जिनमें जान का खतरा बताया गया था। फैसले में कहा गया कि भारत भेजने पर आरोपी के साथ किसी भी तरह के दुर्व्यवहार का जोखिम नहीं है। उसे वहां अपनी बात रखने और निष्पक्ष सुनवाई का पूरा मौका मिलेगा। पीएनबी घोटाले में चोकसी मुख्य आरोपी है और भारतीय एजेंसियां लंबे समय से उसकी तलाश कर रही हैं। यह फैसला भारतीय जांच एजेंसियों के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और कानूनी जीत मानी जा रही है।
इलाज के लिए पहुंचा था बेल्जियम
मेहुल चोकसी जनवरी 2018 में भारत से भाग गया था और बाद में एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह अपने इलाज के लिए बेल्जियम गया था, जहां उसे देखा गया था। इसी जानकारी के आधार पर भारत ने कार्रवाई तेज की थी। भारत सरकार ने मुंबई कोर्ट के वारंट के आधार पर 27 अगस्त 2024 को बेल्जियम को प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा था। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद Mehul Choksi के पास बचने के रास्ते लगभग बंद हो चुके हैं।
