Uttar Pradesh News: मेरठ के सरूरपुर थाना क्षेत्र में पुलिस की विशेष टीम ने रविवार देर रात एक बड़ी कार्रवाई में कुख्यात अपराधी शहजाद उर्फ निक्की को ढेर कर दिया। मुठभेड़ के दौरान शहजाद ने पुलिस पर गोली चलाई, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लगी। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शहजाद पर दो नाबालिग लड़कियों के सामूहिक दुष्कर्म सहित सात से अधिक गंभीर मामले दर्ज थे।
शहजाद के खिलाफ मेरठ, मुजफ्फरनगर और बागपत जिलों में कई केस दर्ज थे। उस पर बलात्कार, अपहरण, हत्या के प्रयास और चोरी जैसे गंभीर आरोप लगे थे। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया हुआ था। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपराध जगत में निक्की के नाम से कुख्यात था और लंबे समय से फरार चल रहा था।
इस घटना से कुछ घंटे पहले ही शहजाद ने एक पीड़िता के घर जाकर फायरिंग की थी। उसने परिवार को मुकदमा वापस लेने की धमकी दी और सभी को जान से मारने की चेतावनी दी थी। इसके बाद पीड़ित परिवार ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि शहजाद सरूरपुर के एक सुनसान इलाके में छिपा हुआ है।
पुलिस ने तुरंत विशेष टीम बनाकर उस इलाके को चारों ओर से घेर लिया। जब पुलिस ने उसे आत्मसमर्पण करने को कहा तो उसने गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। इस मुठभेड़ में शहजाद को सीने और पैर में गोली लगी। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई।
परिवार ने शव लेने से किया इनकार
शहजाद के परिवार वालों ने उसका शव लेने से साफ मना कर दिया। अस्पताल में उन्होंने कहा कि वह नौ साल की उम्र से ही अपराधों में लिप्त था। परिवार के अनुसार, उसने कई लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार किया और कई बार जेल भी गया। परिवार का कहना था कि वह कभी भी उसे मिलने जेल नहीं गया। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिला है।
परिजनों ने राज्य सरकार की कानून व्यवस्था की प्रशंसा भी की। पुलिस ने परिवार वालों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे टस से मस नहीं हुए। इस घटना ने अस्पताल में कुछ देर के लिए हंगामा खड़ा कर दिया। अंततः पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया के तहत शव का अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया।
पिछला रिकॉर्ड
शहजाद बहसूमा थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर साकिस्त गांव का रहने वाला था। उसके खिलाफ सबसे गंभीर मामला करीब नौ महीने पहले दर्ज किया गया था। उस पर सात साल की एक नाबालिग लड़की के साथ उसके एक दोस्त के साथ मिलकर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा था। इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।
पीड़िता के परिवार ने इस घटना के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में शहजाद मुख्य आरोपी बना था। इसी के बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की और उसके सिर पर इनाम राशि घोषित की। वह पुलिस से बचते हुए लगातार फरार चल रहा था और अलग-अलग इलाकों में छिपता रहता था।
पुलिस का कहना है कि शहजाद का अपराधिक रिकॉर्ड काफी लंबा था। वह बार-बार जेल जाता रहा, लेकिन हर बार रिहा होने के बाद फिर से अपराधों में शामिल हो जाता था। उसकी गतिविधियों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पुलिस के लिए चुनौती खड़ी कर दी थी। अब इस एनकाउंटर के बाद पुलिस ने बड़ी राहत की सांस ली है।
यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश पुलिस की ‘मिशन शक्ति 5.0’ के तहत की गई है। इस अभियान का उद्देश्य राज्य से अपराधियों का सफाया करना है। पुलिस लगातार ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो कानून व्यवस्था के लिए खतरा बने हुए हैं। इस मामले में भी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करके अपनी कार्यक्षमता का परिचय दिया है।
