Himachal News: हमीरपुर के पक्का भरो इलाके में एक निजी अस्पताल में डिलीवरी के बाद चमनेड़ गांव की लता देवी की मौत हो गई। नौ माह की गर्भवती लता की मृत्यु से परिजनों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने अस्पताल पर मेडिकल लापरवाही का आरोप लगाया। स्थिति तनावपूर्ण होने पर पुलिस और प्रशासन मौके पर पहुंचा।
लता का अस्पताल में भर्ती होना
लता के पति ने बताया कि शुक्रवार सुबह 8:45 बजे लता को पेट दर्द हुआ। गर्भावस्था की नियत तारीख नजदीक थी। वे तुरंत पक्का भरो के निजी अस्पताल गए। पिछले चार महीनों से यहीं नियमित चेकअप हो रहा था। डॉक्टरों ने बताया कि शिशु की धड़कन धीमी है। ऑपरेशन की सलाह दी गई। परिजनों ने सहमति दी। पति को दवाइयां लाने भेजा गया।
ऑपरेशन के बाद अस्पष्ट जानकारी
परिजनों के मुताबिक, ऑपरेशन 45 मिनट चला। दोपहर 12 बजे एक नर्स नवजात को लेकर आई, लेकिन बच्चे के लिंग की जानकारी नहीं दी। बाद में डॉक्टरों ने बताया कि लता की हालत गंभीर है। कुछ देर बाद उनकी मृत्यु की खबर दी गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने मौत के कारण नहीं बताए और शुरू से भटकाया।
परिजनों का अस्पताल में हंगामा
लता की मृत्यु की खबर से परिजन भड़क गए। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया और परिसर में हंगामा किया। एएसपी राजेश शर्मा, एसडीएम संजीत सिंह और थाना प्रभारी यादेश मौके पर पहुंचे। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया। परिजनों को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया गया।
परिजनों की मांग और जांच
लता के पति ने कहा कि उन्होंने अस्पताल पर भरोसा किया था, लेकिन दुखद परिणाम मिला। वे निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। प्रशासन ने प्रारंभिक जांच शुरू की है। शिकायत के आधार पर कानूनी कार्रवाई होगी।
शिमला में भी हुए समान मामले
हाल ही में शिमला के IGMC और कमला नेहरू अस्पतालों में भी दो महिलाओं की मौत के मामले सामने आए। उनमें भी परिजनों ने मेडिकल लापरवाही के आरोप लगाए थे। ये घटनाएं स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठा रही हैं।
