Una News: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित माता चिंतपूर्णी मंदिर नवरात्रि के लिए तैयार है। मंदिर को थाईलैंड और बेंगलुरु से मंगाए गए विशेष फूलों से सजाया जाएगा। दिल्ली के एक भक्त इस सजावट का खर्च उठा रहे हैं। प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए कई सख्त नियम लागू किए हैं।
मंदिर की दिव्य सजावट का काम पहले ही शुरू हो चुका है। कारीगरों की एक टीम इस पर कार्य कर रही है। अगले दो-तीन दिनों में पूरा मंदिर परिसर फूलों की खुशबू से महक उठेगा। यह सजावट नवरात्रि के दौरान आने वाले भक्तों के लिए एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करेगी।
मेले की व्यवस्था और सुरक्षा
नवरात्रि में लगने वाले बड़े मेले के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। मेला क्षेत्र को चार अलग-अलग सेक्टरों में बांटा गया है। हर सेक्टर में एक मजिस्ट्रेट और एक पुलिस अधिकारी को तैनात किया जाएगा। एसडीएम अंब को मेला अधिकारी और डीएसपी अंब को मेला पुलिस अधिकारी बनाया गया है।
भक्तों की सुविधा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाएगी। सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए चालीस अतिरिक्त कर्मचारी लगाए गए हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए एक रिकवरी वैन, एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी मौजूद रहेगी।
व्यापारियों की उम्मीदें और चिंताएं
स्थानीय व्यापारी इस साल के मेले को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं। पिछले एक महीने से मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या में कमी देखी गई है। माना जा रहा है कि पंजाब में आई बाढ़ इसकी मुख्य वजह है। सभी की नजर अब इस बात पर है कि नवरात्रि में भीड़ बढ़ेगी या नहीं।
आमतौर पर सावन महीने में लगने वाले अष्टमी के मेले में ज्यादा भीड़ जुटती है। नवरात्रि के मेले में भक्तों की संख्या comparatively कम रहती है। व्यापारी उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार का मेला उनके लिए फायदेमंद साबित होगा।
मेले के दौरान लागू होंगे सख्त नियम
जिला प्रशासन ने मेले की शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़े नियम बनाए हैं। सुरक्षाकर्मियों के अलावा किसी को भी हथियार ले जाने की इजाजत नहीं होगी। ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए सिर्फ मंदिर न्यास को ही लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने की अनुमति है।
ब्रास बैंड, ड्रम और लंबे चिमटे जैसी वस्तुओं को मंदिर परिसर में ले जाने पर पाबंदी होगी। भक्तों को ऐसी कोई भी चीज पुलिस बैरियर पर जमा करानी होगी। पॉलिथीन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
दर्शन के लिए हैं विशेष निर्देश
सड़क किनारे लंगर लगाना या आतिश बाजी करना सख्त मना है। मंदिर में दर्शन करने के लिए भक्तों के लिए एक नया नियम बनाया गया है। अब उन्हें दर्शन की पर्ची लेना अनिवार्य होगा। यह पर्ची पंजीकरण काउंटर से मिलेगी। बिना पर्ची के किसी को भी दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मंदिर अधिकारी अजय मंडियाल ने बताया कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रशासन नवरात्रि में आने वाले भक्तों का स्वागत करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने भक्तों से सभी नियमों का पालन करने का अनुरोध किया है।
