Mandi News: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी की ग्राम पंचायत मसोगल में एक बड़ा घोटाला सामने आया है। पंचायत प्रधान पर मजदूरों का मेहनताना हड़पने और जाली मस्टर रोल बनाकर सरकारी धन का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ित मजदूरों ने 28 जून को पुलिस और उपायुक्त को शिकायत दी है।
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि प्रधान ने उन्हें 2 लाख के एक चेक डैम के काम का ठेका महज 90 हजार रुपए में दिया था। काम पूरा होने के सात महीने बाद भी उन्हें उनका नब्बे हजार रुपए का मेहनताना नहीं मिला। कई महीनों तक इंतजार करने के बाद मजदूरों ने आरटीआई का सहारा लिया।
आरटीआई से मिली जानकारी ने घोटाले का पर्दाफाश किया। पता चला कि प्रधान ने जाली मस्टर रोल जारी किए थे। इनमें उन लोगों के नाम शामिल थे जिन्होंने कभी काम ही नहीं किया था। फिर भी उनके नाम पर पैसा जारी किया गया।
काम न करने वालों को मिला पैसा
आरटीआई के जवाब में दो व्यक्तियों टेक चंद और चूड़ा मणि का नाम सामने आया। मस्टर रोल में दर्ज इनके नाम पर पैसा दिया गया। जबकि इन्होंने कभी काम नहीं किया। इसी तरह दो महिलाओं के खातों में भी पैसा गया।

नगमा देवी और गोवती देवी के बैंक खातों में पंचायत की ओर से 9600-9600 रुपए भेजे गए। शिकायतकर्ताओं का दावा है कि इन दोनों महिलाओं ने न तो काम किया और न ही कभी काम के स्थल पर आईं।

आरोपों के बाद शुरू हुई जल्दबाजी
जैसे ही आरटीआई से भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ, प्रधान ने जल्दबाजी दिखाई। शिकायतकर्ताओं के कुछ खातों में आंशिक राशि जमा करवाई गई। साथ ही उन लोगों के खातों में भी पैसा डाला गया जो कभी काम पर नहीं आए।
पीड़ितों का मानना है कि यह कदम शिकायत को दबाने की कोशिश थी। उन्होंने इसे भ्रष्टाचार, फर्जीवाडा और सरकारी धन की हेराफेरी का मामला बताया। प्रधान पर जाली हस्ताक्षर और गलत जानकारी देने का आरोप है।
मजदूरों ने कहा कि इस घटना से न सिर्फ उनके श्रम का शोषण हुआ है। बल्कि सरकारी योजनाओं को भी नुकसान पहुंचा है। शिकायत करने के 2 महीने गुजर जाने के बावजूद अब तक प्रधान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह स्थिति जिला प्रशासन पर सवाल खड़े करती है।
