Himachal News: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र में रविवार का दिन गहरे दुख और गर्व की अनुभूति लेकर आया। शहीद विंग कमांडर नमांश स्याल की पार्थिव देह उनके गृहक्षेत्र पंचायत पटियालकड़ के वार्ड नंबर-7 में पहुंची। दोपहर डेढ़ बजे के आसपास सैकड़ों वाहनों का काफिला भारत माता के नारों के साथ पहुंचा। पूरा इलाका एक साथ रोता और सलामी देता नजर आया।
शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों लोगों ने भाग लिया। छोटे बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी की आंखें नम थीं। पुलिस और सेना के जवान भी अपने साथी को अंतिम विदाई देने आए थे। करीब साढ़े तीन बजे पार्थिव देह को गांव के श्मशान घाट ले जाया गया। वहां भारतीय वायु सेना की टुकड़ी ने उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ सलामी दी।
पिता जगन्नाथ स्याल अपने बेटे की पार्थिव देह को देखकर फूट-फूट कर रो पड़े। वह परिवार और रिश्तेदारों से लिपट-लिपट कर अपना दुख व्यक्त करते रहे। परिवार के लोग उन्हें सांत्वना देने का प्रयास करते दिखे। इस दृश्य ने मौजूद हर व्यक्ति का हृदय द्रवित कर दिया।
मां बीना देवी का रो-रो कर बुरा हाल था। वह बार-बार अपने बेटे की यादों को याद कर रही थीं। उन्होंने बताया कि नमांश हमेशा उनका ख्याल रखता था। वह अक्सर पूछता था कि मां आज क्या बनाया है और क्या आपने खाना खा लिया। उनकी चीख-पुकार माहौल को और भी भावुक बना रही थी।
शहीद नमांश स्याल की पत्नी अफशान अख्तर भी भारतीय वायु सेना में पायलट हैं। उन्होंने अपने पति को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी। दोनों की शादी साल 2014 में हुई थी। नमांश अपने पीछे पत्नी अफशान और सात साल की बेटी आर्या को छोड़ गए हैं। अफशान को इस कठिन समय में उनके वायु सेना के साथियों ने संभाला।
राजनेताओं ने दी श्रद्धांजलि
अंतिम यात्रा में कई बड़े नेता और अधिकारी शामिल हुए। आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री यादवेंद्र गोमा मौजूद रहे। पर्यटन निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष अजय वर्मा ने भाग लिया।
कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा और देहरा के पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी भी शामिल हुए। एसडीएम मनीष शर्मा ने भी शहीद को श्रद्धांजलि दी। पूर्व मंत्री विपिन सिंह परमार और पूर्व विधायक अरुण मेहरा भी इस मौके पर उपस्थित थे। सभी ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्पहार अर्पित किए।
उपायुक्त हेमराज बैरवा गगल हवाई अड्डे पर भी मौजूद रहे। उन्होंने परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। इस दुख की घड़ी में उन्होंने परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने शहीद के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनके साहिर की सराहना की।
अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़
शहीद नमांश स्याल के अंतिम संस्कार में हजारों लोगों ने भाग लिया। क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में श्मशान घाट पहुंचे। लोगों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। भारतीय वायु सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। उन्होंने पारंपरिक तरीके से गोलियां दागकर सलामी दी।
अंतिम संस्कार शहीद के ताया के बेटे निशांत स्याल ने किया। उन्होंने नमांश की पार्थिव देह को मुखाग्नि प्रदान की। इस दौरान पूरा माहौल भावुक बना रहा। लोगों ने नारे लगाए और शहीद को याद किया। सभी ने देश की रक्षा में अपनी जान न्योछावर करने वाले इस वीर सपूत को श्रद्धांजलि दी।
शहीद विंग कमांडर नमांश स्याल की शहादत ने एक बार फिर देशवासियों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगा दी। उनके बलिदान ने पूरे क्षेत्र को गौरवान्वित किया है। हिमाचल प्रदेश का यह वीर सपूत हमेशा देशवासियों के दिलों में जिंदा रहेगा। उनकी शहादत देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
