Kurukshetra News: हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश के बाद मारकंडा नदी एक बार फिर से खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। बुधवार को नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा और शाम करीब 4 बजे के बाद साढ़े चार घंटे के भीतर ही लगभग 14 हजार क्यूसेक पानी बढ़ गया। इससे कुरुक्षेत्र के नैसी गांव के खेतों में फिर से पानी भर गया।
गेज रीडर रविंद्र कुमार के अनुसार, बुधवार शाम 9 बजे नदी में 17 हजार 681 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया। उस समय मारकंडा नदी अपने खतरे के स्तर 256 मीटर से 0.70 मीटर नीचे यानी 255.30 मीटर के निशान पर बह रही थी। यह स्थिति हिमाचल के सिरमौर, नाहन और काला में हुई मूसलाधार बारिश का सीधा नतीजा थी।
हालांकि, रात भर में नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई। रातभर में लगभग 10 हजार क्यूसेक पानी कम हो गया। गुरुवार सुबह 6 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक, नदी में अब 7 हजार 496 क्यूसेक पानी ही बह रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर हिमाचल में फिर से तेज बारिश हुई तो जलस्तर फिर से बढ़ सकता है।
अन्य नदियों का हाल
हिमाचल प्रदेश में बारिश का असर अन्य नदियों पर भी देखने को मिला। नाहन में बारिश के कारण बेगना और रून नदी का जलस्तर भी बढ़ गया। वहां से बेगना नदी में करीब 25 हजार क्यूसेक और रून नदी में 22 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस पानी के अंबाला के मुलाना पहुंचने पर बेगना नदी में लगभग 27 हजार क्यूसेक पानी बह रहा था।
गांव नैसी में फिर घुसा पानी
मारकंडा नदी का बढ़ता जलस्तर एक बार फिर कुरुक्षेत्र के नैसी गांव के लिए मुसीबत बनकर आया। नदी के किनारे बने दो टूटे तटबंधों में से एक का अभी तक मरम्मत का काम पूरा नहीं हो पाया है। इसी कारण नदी का पानी इस रास्ते से होकर गांव के खेतों में घुस गया। पहले से ही इलाके में बाढ़ का पानी जमा हुआ था, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई।
इस घटना से स्थानीय किसानों की चिंता बढ़ गई है। उनकी फसलें एक बार फिर पानी में डूब गई हैं। अधिकारियों ने नदी के जलस्तर पर लगातार नजर बनाए रखी है। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। आने वाले दिनों में मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में और बारिश की संभावना जताई है।
