Imphal News: मणिपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के महज एक दिन बाद फिर हिंसा भड़क गई है। चूड़ाचांदपुर जिले में एक कुकी नेता के आवास को भीड़ ने आग लगा दी। इस घटना से पूरे इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है।
रविवार रात हुई इस घटना में कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन के नेता कैल्विन ऐखेनथांग का घर निशाना बना। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी, लेकिन अधिकारियों ने इसे जानबूझकर आग लगाने की घटना बताया। एक अन्य नेता के घर को भी निशाना बनाया गया।
हिंसक घटनाओं का सिलसिला
कुकी जो काउंसिल और स्वदेशी जनजातीय नेताओं के फोरम के प्रवक्ता गिन्जा वुअलजोंग के आवास पर भी हमला हुआ। स्थानीय लोगों के हस्तक्षेप से इस घर को आग लगने से बचा लिया गया। यह घटना प्रधानमंत्री के दौरे के ठीक बाद हुई है।
मणिपुर में पिछले दो साल से सामुदायिक हिंसा जारी है। कुकी और मेइती समुदायों के बीच तनाव बना हुआ है। हाल में केंद्र सरकार ने कुकी संगठनों के साथ समझौता किया था जिससे शांति की उम्मीद जगी थी।
समझौते और स्थिति
चार सितंबर को कुकी संगठनों ने केंद्र सरकार के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत वे क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने और शिविरों को संवेदनशील क्षेत्रों से हटाने पर सहमत हुए थे। इस समझौते से शांति प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद थी।
कुकी जो काउंसिल ने राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को फिर से खोलने का निर्णय लिया था। लेकिन सोमवार को उन्होंने स्पष्ट किया कि मार्ग पर पूरी तरह से आवाजाही की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि केवल सुरक्षा बलों को सहयोग देने का अनुरोध किया गया था।
वर्तमान सुरक्षा स्थिति
राज्य में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। अधिकारी स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास कर रहे हैं। दोनों समुदायों के बीच विश्वास की कमी के कारण स्थिति जटिल बनी हुई है।
कुकी जो काउंसिल ने कहा कि संघर्ष का अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी व्यक्ति विरोधी क्षेत्रों में प्रवेश नहीं कर सकता। इस बयान से स्पष्ट है कि तनाव पूरी तरह से कम नहीं हुआ है।
प्रशासन दोनों पक्षों के बीच संवाद बहाल करने का प्रयास कर रहा है। हाल की घटनाओं ने शांति प्रक्रिया को चुनौती दी है। स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।
