शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

मंडी: पहाड़ों से लटकती चट्टानें बनीं मौत का खतरा, प्रशासनिक लापरवाही से बढ़ा संकट

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Mandi News: मंडी जिले में पहाड़ों से लटकती चट्टानें और लगातार गिरने वाला मलबा बड़े हादसे का कारण बन सकता है। जिला मुख्यालय के विक्टोरिया पुल के पास बड़ी चट्टान हवा में लटकी हुई है। मंडी से पंडोह जाते समय बिंद्रावणी से आगे कई स्थानों पर भी ऐसी ही खतरनाक स्थिति है। सराज और जोगेंद्रनगर क्षेत्र में भी चट्टानें खतरनाक ढंग से लटकी हुई हैं। प्रशासनिक लापरवाही से स्थिति और गंभीर हो गई है।

विक्टोरिया पुल के पास सबसे ज्यादा खतरा

पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित विक्टोरिया पुल के पास बड़ी चट्टान हवा में लटक रही है। भारी वर्षा के कारण इस क्षेत्र में मलबा आने के बाद यह स्थिति उत्पन्न हुई है। आईआईटी मंडी ने इसका सर्वेक्षण किया था लेकिन अभी तक रिपोर्ट जारी नहीं हुई है। हाल में फिर से हुई वर्षा से मिट्टी गीली हो गई है। इससे चट्टान के गिरने का खतरा और बढ़ गया है। यहां रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं।

जोगेंद्रनगर और सराज में भी समस्या

जोगेंद्रनगर के नागचला क्षेत्र में भी पहाड़ से मलबा गिरने की समस्या बनी हुई है। सराज क्षेत्र में मंडी-जंजैहली मुख्य मार्ग पर सचिवालय से एक किलोमीटर दूर चट्टानें लटकी हैं। इस स्थान पर सड़क अत्यंत संकरी है। एक तरफ खड़ी पहाड़ी है तो दूसरी तरफ गहरी खाई है। लोक निर्माण विभाग का कार्यालय यहां से मात्र एक किलोमीटर दूर होने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं किया गया है।

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चेतावनी बोर्डों का अभाव

इन खतरनाक स्थानों पर चेतावनी बोर्ड तक नहीं लगाए गए हैं। मंडी से जरोल मार्ग पर भी एक बड़ी चट्टान झूल रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अंधेरे में वाहन चालकों को इन खतरों का पता ही नहीं चल पाता। किसी भी समय बड़ी चट्टान गिर सकती है। इससे मानवीय जीवन को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। लोग प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं।

विभाग ने दिया जवाब

लोक निर्माण विभाग थुनाग के सहायक अभियंता बंटी कुमार ने बताया कि उन्हें मीडिया के माध्यम से इस समस्या की जानकारी मिली है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस समस्या का शीघ्र समाधान किया जाएगा। हालांकि उन्होंने कोई ठोस समयसीमा नहीं बताई। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे संबंधित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं। आवश्यक कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।

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स्थानीय लोगों की चिंता

स्थानीय निवासी इस स्थिति को लेकर काफी चिंतित हैं। उनका कहना है कि बिलासपुर जैसी दुर्घटना की पुनरावृत्ति हो सकती है। लोग प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कुछ लोगों ने स्वयं ही चेतावनी के संकेत बनाए हैं। वे अन्य वाहन चालकों को सावधान करते रहते हैं। स्कूली बच्चों वाली वैन और सार्वजनिक परिवहन वाहनों के लिए यह स्थिति विशेष रूप से खतरनाक है।

मौसम और भौगोलिक स्थितियां

मंडी जिला पहाड़ी इलाका होने के कारण भूस्खलन की घटनाएं आम हैं। भारी वर्षा के बाद चट्टानों के खिसकने का खतरा बढ़ जाता है। पहाड़ी क्षेत्रों में चट्टानें दरक जाती हैं। ये समय के साथ ढीली होकर गिरती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार नियमित निगरानी और समय रहते निवारक उपाय जरूरी हैं। तकनीकी जांच के बाद ही इन खतरनाक चट्टानों को हटाया जा सकता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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