Kullu News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में दशहरा उत्सव के दौरान तहसीलदार हरि सिंह यादव के साथ अभद्र व्यवहार की घटना ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। हिमाचल राज्य गुर्जर कल्याण परिषद ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। परिषद का आरोप है कि ड्यूटी के दौरान तहसीलदार के साथ यह गुंडागर्दी एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन पर उतर सकते हैं।
गुर्जर कल्याण परिषद ने नेर चौक में आयोजित एक बैठक में इस मामले पर गहरी चिंता जताई। बैठक में परिषद के प्रदेश अध्यक्ष रमेश यादव और जिला अध्यक्ष तिलक राज राव सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे। समाज के लोगों ने कहा कि देव आस्था के नाम पर कानून व्यवस्था को चुनौती देना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि घटना में शामिल लोगों ने सरेआम कानून की अवहेलना की है।
परिषद ने दर्ज एफआईआर को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि एफआईआर में जानबूझकर कमजोर धाराएं लगाई गई हैं। इससे आरोपियों को राहत मिलने की आशंका जताई जा रही है। परिषद ने मांग की है कि मामले में सख्त कानूनी धाराएं लगाकर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही घटना की निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
बैठक में विधायक सुरेंद्र सॉरी के बयान पर भी नाराजगी जाहिर की गई। परिषद ने उनके भड़काऊ बयान पर ऐतराज जताया है। एक प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि विधायक की मंशा की भी जांच की जाए। परिषद ने स्पष्ट किया कि प्रशासन की लापरवाही इस पूरे मामले को और गंभीर बना रही है।
जिला अध्यक्ष तिलक राज राव ने घोषणा की कि इस मामले को राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समक्ष भी उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि समाज के साथ हो रहे अन्याय को सहन नहीं किया जाएगा। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने एकजुटता दिखाते हुए त्वरित न्याय की मांग को दोहराया।
इस अवसर पर जिला महासचिव नागेश कुमार, बल्ह खंड प्रधान मस्त राम राव और सुंदर नगर खंड प्रधान लालमन सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि कानून का शासन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं सामाजिक सौहार्द्र को नुकसान पहुंचाती हैं।
परिषद ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि मामले में न्याय नहीं मिला तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन की जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रशासन और सरकार पर होगी। सदस्यों ने कानून व्यवस्था बहाल करने की अपील की।
गुर्जर समाज के लोगों ने मांग की कि प्रशासन तत्परता से काम करे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं गंभीर चिंता का विषय हैं। समाज का मानना है कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई आवश्यक है। सभी ने शांति और व्यवस्था बनाए रखने का संकल्प लिया।
