Mandi News: चैल-चौक बाजार और कोहलू क्षेत्र में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को हटाने की मांग की गई है। राइट फाउंडेशन के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने उपायुक्त मंडी को शिकायत पत्र भेजकर तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया है। यह मांग हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के हालिया आदेश के बाद उठाई गई है जिसमें अवैध कब्जे हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 5 अगस्त 2025 को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 163-ए को असंवैधानिक घोषित किया। यह धारा सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को नियमित करने की अनुमति देती थी। न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने स्पष्ट निर्देश दिए।
कब्जे हटाने की समयसीमा
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 28 फरवरी 2026 तक सभी सरकारी भूमि से अवैध कब्जे हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि कानून तोड़ने वालों को पुरस्कृत नहीं किया जा सकता। इसके अलावा 17 जुलाई 2025 को हाईकोर्ट ने वन भूमि पर कब्जे हटाने के भी निर्देश दिए थे। ये आदेश पूरे हिमाचल प्रदेश में लागू होते हैं।
स्थानीय समस्याएं
चैल चौक से कोहलू तक के क्षेत्र में सरकारी भूमि और सार्वजनिक स्थानों पर अवैध निर्माण हुआ है। अनधिकृत दुकानें स्थापित की गई हैं। इन कब्जों ने सड़क की चौड़ाई कम कर दी है। यातायात जाम और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। स्थानीय निवासियों को रोजमर्रा की जिंदगी में परेशानी हो रही है।
नागरिकों की मांग
शिकायतकर्ता ने उपायुक्त से चैल चौक बाजार का सर्वेक्षण कराने की मांग की है। अवैध कब्जों की सूची तैयार करने का अनुरोध किया गया है। कब्जेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और उनके बिजली-पानी के कनेक्शन काटने की मांग की गई है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नियमित निगरानी की सिफारिश की गई है।
क्या बोले शिकायतकर्ता
शिकायतकर्ता सुरेश कुमार ने कहा कि चैल चौक बाजार में कई दशकों से लोगों ने अवैध कब्जे कर रखे है। जिसके चलते आम लोग बुरी तरह परेशान है। कई बार बाजार में हादसों की स्थिति बन जाती है। उन्होंने कहा कि यही हाल चैल चौक से कोहलू गांव तक भी है। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन कार्यवाही नहीं करता तो वह अवमानना मुकदमा दायर करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
