Himachal News: मंडी की विशेष अदालत ने नशा तस्करी के एक बड़े मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने कुल्लू जिले के एक व्यक्ति को सत्रह साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर एक लाख सत्तर हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न भरने पर उसे दो साल की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
यह मामला 26 मई 2019 का है जब जोगिंद्रनगर पुलिस ने गालू के पास एक कार को रोका था। कार में सवार तूले सिंह का व्यवहार संदेहास्पद लगा। पुलिस ने वाहन की तलाशी ली तो बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद हुए। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
तलाशी में बरामद हुए नशीले पदार्थ
पुलिस ने कार से छह किलो तीन सौ चौबीस ग्राम चरस बरामद की। साथ ही चार सौ तेरह ग्राम अफीम भी मिली। यह सभी नशीले पदार्थ तूले सिंह के कब्जे में थे। पुलिस ने तुरंत मादक पदार्थों को जब्त कर लिया। आरोपी को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच के दौरान तूले सिंह ने तीन अन्य लोगों के नाम उजागर किए। इनमें ओम प्रकाश, तिवान और सतीश शामिल थे। हालांकि अदालत ने इन तीनों के खिलाफ पर्याप्त सबूत न मिलने पर उन्हें बरी कर दिया। सिर्फ तूले सिंह को ही दोषी पाया गया।
अदालत में पेश हुए 22 गवाह
अभियोजन पक्ष ने मामले को साबित करने के लिए बाईस गवाह पेश किए। इन गवाहों ने आरोपी के खिलाफ जरूरी सबूत दिए। बरामद नशीले पदार्थों के वैज्ञानिक विश्लेषण ने भी आरोपों की पुष्टि की। सभी सबूतों का अध्ययन करने के बाद अदालत ने फैसला सुनाया।
विशेष अदालत ने तूले सिंह को एनडीपीएस अधिनियम की धारा 18 और 20 के तहत दोषी पाया। यह धाराएं नशीले पदार्थों के कब्जे और तस्करी से संबंधित हैं। अदालत ने कहा कि इस तरह के मामलों में कठोर सजा जरूरी है। इससे दूसरे लोगों के लिए सबक बनेगा।
पुलिस की कार्रवाई रही अहम
जोगिंद्रनगर पुलिस की टीम राष्ट्रीय राजमार्ग-154 पर गश्त लगा रही थी। रात करीब सवा आठ बजे उन्होंने एक कार को रोका। कार का नंबर एचपी 01सी-0612 था। पूछताछ के दौरान तूले सिंह घबरा गया और सही जवाब नहीं दे पाया। इससे पुलिस को शक हुआ।
पुलिस ने वाहन की तलाशी लेने का फैसला किया। तलाशी में बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ मिले। पुलिस ने तुरंत आरोपी को हिरासत में ले लिया। मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। चार साल तक चली जांच और सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला सुनाया।
नशा विरोधी अभियान को बल
यह फैसला हिमाचल प्रदेश में नशा विरोधी अभियान को मजबूती प्रदान करता है। पुलिस लगातार नशा तस्करी रोकने के लिए कार्रवाई कर रही है। अदालतों का कठोर रुख अपराधियों के लिए चेतावनी का संकेत है। इससे नशे का व्यापार करने वालों पर अंकुश लगेगा।
जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज ने इस मामले में अभियोजन पक्ष का पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि सभी सबूत अदालत के सामने पेश किए गए। अदालत ने सबूतों का संज्ञान लेते हुए कठोर सजा सुनाई। यह फैसला नशा तस्करी के खिलाफ लड़ाई में मील का पत्थर साबित होगा।
