Himachal News: मनाली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में हुए जानलेवा हमले के मामले में फरार चल रहे दो सिपाहियों को गिरफ्तार किया है। राजन सिंह और मनोज यादव नामक इन सिपाहियों को शनिवार को पकड़ा गया था। रविवार को उन्हें यूपी पुलिस के हवाले कर दिया गया।
डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार दोनों सिपाहियों को यूपी पुलिस सिद्धार्थनगर ले गई है। यह मामला कपिलवस्तु कोतवाली क्षेत्र के गांधीनगर निवासी रजनीश पटेल पर हुए हमले से जुड़ा है। मनाली पुलिस ने तकनीकी निगरानी और मोबाइल लोकेशन के जरिए आरोपियों तक पहुंच बनाई।
तकनीकी निगरानी से हुई गिरफ्तारी
मनाली पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस, मोबाइल लोकेशन और होटल चेकिंग के सहारे दोनों सिपाहियों तक पहुंचने में सफलता हासिल की। आरोपी मनाली में छिपे हुए थे। पुलिस को उनके मोबाइल लोकेशन से महत्वपूर्ण सुराग मिले।
होटलों और लॉजों की जांच करते हुए पुलिस टीम ने आरोपियों का पता लगाया। दोनों सिपाही यूपी पुलिस में सेवारत थे और हमले के बाद फरार हो गए थे। उन्होंने मनाली में शरण लेने का प्रयास किया था।
यूपी के हमले से जुड़ा है मामला
यह मामला उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के मोहाना थाना क्षेत्र में हुए जानलेवा हमले से जुड़ा है। आरोपी सिपाही इस हमले में शामिल बताए जा रहे हैं। हमले में रजनीश पटेल नामक व्यक्ति को निशाना बनाया गया था।
गिरफ्तार सिपाही पुलिस विभाग में कार्यरत थे। हमले के बाद वे फरार हो गए थे। यूपी पुलिस उनक तलाश कर रही थी। मनाली पुलिस को उनके मनाली में होने की सूचना मिली थी।
अंतरराज्यीय सहयोग से हुई सफलता
मनाली पुलिस और यूपी पुलिस के बीच समन्वय से यह सफलता हासिल हुई है। दोनों राज्यों की पुलिस टीमों ने मिलकर काम किया। आरोपियों की गिरफ्तारी में तकनीकी विशेषज्ञता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डीएसपी केडी शर्मा ने बताया कि आधुनिक तकनीक के उपयोग से अपराधियों का पता लगाना आसान हो गया है। मोबाइल लोकेशन और डिजिटल सर्विलांस ने इस मामले में निर्णायक भूमिका निभाई। पुलिस को जल्द ही संदिग्धों का पता चल गया।
आरोपियों को यूपी पुलिस को सौंपा गया
गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को रविवार को यूपी पुलिस के हवाले कर दिया गया। यूपी पुलिस की टीम उन्हें लेकर सिद्धार्थनगर रवाना हो गई। वहां उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मनाली पुलिस ने इस मामले में पूरा सहयोग दिया है। अंतरराज्यीय अपराधों में सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। इस सफलता से पुलिस की क्षमताओं का पता चलता है।
