Kolkata News: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज कोलकाता की सड़कों पर उतरीं। वह स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के विरोध में टीएमसी के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ पैदल मार्च कर रही थीं। यह मार्च रेड रोड से शुरू हुआ और ठाकुरबाड़ी में समाप्त हुआ। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के विरोध में नारे लगाए।
बिहार के बाद 12 राज्यों में SIR
बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। अब चुनाव आयोग ने देश के 12 अन्य राज्यों में भी इसकी घोषणा की है। इन राज्यों में आज से ही SIR प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस निर्णय ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चा शुरू कर दी है।
टीएमसी इस प्रक्रिया का जोरदार विरोध कर रही है। पार्टी का आरोप है कि केंद्र सरकार और चुनाव आयोग SIR के माध्यम से धांधली कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने का फैसला किया। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।
ऐतिहासिक मार्च का मार्ग
ममता बनर्जी ने रेड रोड पर डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा से मार्च शुरू किया। यह मार्च रवींद्र नाथ टैगोर के पैतृक घर ठाकुरबाड़ी तक पहुंचा। इस दौरान बड़ी संख्या में टीएमसी कार्यकर्ता मौजूद रहे। उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
मार्च में शामिल कार्यकर्ताओं ने चुनाव आयोग के निर्णय की आलोचना की। उनका कहना था कि यह प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। टीएमसी नेता इस मुद्दे को लेकर लगातार सक्रिय हैं। उन्होंने इसे जनआंदोलन का रूप देने का फैसला किया है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस मुद्दे ने राज्य की राजनीति में नया मोड़ ले लिया है। विपक्षी दल टीएमसी के इस रुख पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच तनाव बढ़ गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले चुनावों को प्रभावित कर सकता है।
चुनाव आयोग ने अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। केंद्र सरकार ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया स्पष्ट नहीं की है। राजनीतिक पर्यवेक्षक इस विकास को गंभीरता से देख रहे हैं। भविष्य में इसके महत्वपूर्ण राजनीतिक परिणाम हो सकते हैं।
