शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

Malegaon Blast: पीएम मोदी, योगी, भागवत को फंसाने की थी तैयारी, प्रज्ञा ठाकुर ने जांच अधिकारियों पर लगाए आरोप

Malegaon Blast: एनआईए कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर समेत सात आरोपियों को बरी किया। ठाकुर ने जांच अधिकारियों पर पीएम मोदी, योगी, भागवत को फंसाने का दबाव डालने का आरोप लगाया।

Share

Maharashtra News: 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए की विशेष कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर और छह अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष के पास ठोस सबूत नहीं थे। प्रज्ञा ठाकुर ने जांच अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि उनसे पीएम नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत का नाम लेने के लिए दबाव डाला गया। यह मामला 17 साल तक चला।

प्रज्ञा ठाकुर के सनसनीखेज दावे

प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि जांच के दौरान उनसे बीजेपी नेता राम माधव समेत कई लोगों का नाम लेने को कहा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। ठाकुर ने बताया कि उनकी सेहत खराब होने पर भी उन्हें अस्पताल में अवैध हिरासत में रखा गया। उन्होंने गुजरात में रहने के कारण पीएम मोदी का नाम लेने के लिए दबाव का भी जिक्र किया।

यह भी पढ़ें:  दिल्ली में थार ने दो लोगों को कुचला, एक की मौके पर हुई मौत, आरोपी ड्राइवर गिरफ्तार

गवाह और एटीएस पर आरोप

एक गवाह ने दावा किया कि उसे योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के इंद्रेश कुमार समेत चार लोगों को फंसाने के लिए मजबूर किया गया। पूर्व एटीएस अधिकारी महबूब मुजावर ने भी कहा कि उनसे मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का आदेश मिला था। उन्होंने इसे मालेगांव विस्फोट मामले को भगवा आतंकवाद से जोड़ने की साजिश बताया। कोर्ट ने इन दावों को खारिज कर दिया।

केस का विवरण

29 सितंबर 2008 को मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर हुए मालेगांव विस्फोट में छह लोग मारे गए और 101 घायल हुए। मामले में 14 लोग गिरफ्तार हुए, लेकिन सात पर ही मुकदमा चला। एनआईए कोर्ट ने 31 जुलाई 2025 को सबूतों के अभाव में सभी को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।

यह भी पढ़ें:  Jammu Kashmir News: किश्तवाड़ में बादल फटने से 12 की मौत, मचैल मंदिर मार्ग पर तबाही
Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

Read more

Related News