Maharashtra News: बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने मालेगांव ब्लास्ट केस में बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि 2008 में गुजरात दंगों के लिए नरेंद्र मोदी को फंसाने की साजिश रची गई। इसके लिए भगवा आतंकवाद का नैरेटिव बनाया गया। साध्वी प्रज्ञा के बयानों का समर्थन किया। उन्होंने कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया। शरद पवार के हिंदू आतंकवाद शब्द पर जांच की मांग की। यह बयान 6 अगस्त, 2025 को आया।
मालेगांव केस में साजिश का दावा
सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि मालेगांव ब्लास्ट केस में साजिश थी। नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगों में फंसाने की कोशिश हुई। भगवा आतंकवाद का नैरेटिव बनाया गया। साध्वी प्रज्ञा ने इसका खुलासा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए यह किया। सुधीर ने दावा किया कि मोदी को सीबीआई दफ्तर में 9 घंटे बैठाया गया। यह सब एक धर्म विशेष को खुश करने के लिए था।
साध्वी प्रज्ञा के बयानों का समर्थन
साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि उन्हें मोदी और योगी को फंसाने के लिए टॉर्चर किया गया। सुधीर ने उनके बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि प्रज्ञा ने सच्चाई सामने लाई। विशेष एनआईए कोर्ट ने 31 जुलाई, 2025 को सात आरोपियों को बरी किया। इसमें प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित शामिल थे। कोर्ट ने सबूतों की कमी बताई। सुधीर ने इसे कांग्रेस की हार बताया।
शरद पवार पर जांच की मांग
मुनगंटीवार ने शरद पवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पवार ने धमाके से पहले हिंदू आतंकवाद शब्द इस्तेमाल किया। इसकी जांच होनी चाहिए। पवार 90 के दशक में मुंबई बम धमाकों के समय मुख्यमंत्री थे। सुधीर ने दावा किया कि पवार ने धार्मिक संतुलन के लिए झूठ बोला। यह तुष्टिकरण की राजनीति का सबूत है। उन्होंने इस मामले में पारदर्शिता की मांग की।
कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप
सुधीर ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भगवा आतंकवाद का नैरेटिव वोटबैंक के लिए बनाया गया। 2008 में मालेगांव धमाके में 6 लोग मरे। 100 से ज्यादा घायल हुए। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि उन्हें झूठे केस में फंसाया गया। सुधीर ने इसे हिंदू समुदाय के खिलाफ साजिश बताया। बीजेपी ने कांग्रेस से माफी की मांग की।
आरती साठे की नियुक्ति पर जवाब
रोहित पवार ने आरती साठे की नियुक्ति पर सवाल उठाए। उन्होंने बीजेपी पर न्यायपालिका में हस्तक्षेप का आरोप लगाया। सुधीर ने इसका खंडन किया। उन्होंने कहा कि नियुक्तियां न्यायिक प्रक्रिया से होती हैं। बीजेपी का इसमें कोई रोल नहीं है। सुधीर ने कहा कि कांग्रेस के समय भी ऐसी नियुक्तियां हुईं। विपक्ष भ्रम फैला रहा है। यह बयान 6 अगस्त, 2025 को दिया गया।
मालेगांव केस का पृष्ठभूमि
मालेगांव ब्लास्ट 29 सितंबर, 2008 को हुआ। मोटरसाइकिल पर बम रखा गया था। एनआईए ने 2016 में साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दी। लेकिन 2018 में सात आरोपियों पर यूएपीए के तहत केस चला। कोर्ट ने सबूतों की कमी बताई। जज एके लाहोटी ने कहा कि नैतिकता के आधार पर फैसला नहीं हो सकता। सभी आरोपी बरी हुए। यह केस 17 साल चला।
बीजेपी की मांग और प्रतिक्रिया
बीजेपी ने मालेगांव केस को कांग्रेस की साजिश बताया। सुधीर ने कहा कि यह हिंदू समुदाय को बदनाम करने की कोशिश थी। उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी से माफी मांगी। बरी हुए आरोपियों को मुआवजा देने की मांग की। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस ने जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया। यह हिंदू आतंकवाद का झूठा नैरेटिव था। सुधीर ने इसे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया।
जांच एजेंसियों पर सवाल
साध्वी प्रज्ञा ने एटीएस पर टॉर्चर का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह ने गैरकानूनी तरीके से पूछताछ की। सुधीर ने इसकी जांच की मांग की। शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत ने कहा कि असली दोषियों को पकड़ा नहीं गया। जांच एजेंसियों की नाकामी सवाल उठाती है। मालेगांव केस ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया। यह मामला संसद में भी उठ सकता है।
