National News: सुरक्षा बलों को आंध्र प्रदेश-छत्तीसगढ़ सीमा पर बड़ी सफलता मिली है। शीर्ष नक्सली कमांडर मादवी हिडमा और उसकी पत्नी को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। यह ऑपरेशन आंध्र प्रदेश के अल्लूरी जिले और छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के सीमावर्ती जंगलों में चलाया गया था। नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू की थी जिसके जवाब में जवानों ने कार्रवाई की।
दो दशक से चल रहा था पीछा
मादवी हिडमा की उम्र 43 वर्ष थी और वह पिछले दो दशक से सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बना हुआ था। वह पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की बटालियन नंबर एक का प्रमुख था। हिडमा सीपीआई माओवादी की केंद्रीय समिति का सबसे कम उम्र का सदस्य भी रह चुका था। उसकी रणनीतिक सोच और गुरिल्ला युद्ध कौशल ने उसे संगठन का प्रभावशाली चेहरा बना दिया था।
कई बड़े हमलों का था मास्टरमाइंड
हिडमा का जन्म 1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुवर्ती इलाके में हुआ था। वह कम उम्र में ही माओवादी संगठन से जुड़ गया था। वर्ष 2013 के दरभा घाटी नरसंहार में वह मुख्य साजिशकर्ता था। इस हमले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं समेत 27 लोग मारे गए थे। वर्ष 2017 के सुकमा हमले में भी उसकी प्रमुख भूमिका थी जिसमें 25 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे।
पत्नी भी थी सक्रिय नक्सली
हिडमा की पत्नी भी नक्सली संगठन में सक्रिय थी और कई ऑपरेशनों में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। आंध्र प्रदेश पुलिस और विशेष बलों को लंबे समय से हिडमा की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिल रही थी। गुप्त सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने जंगल में घेरा डालकर ऑपरेशन शुरू किया। जवाबी कार्रवाई में हिडमा और उसकी पत्नी दोनों मारे गए।
संगठन को लगेगा बड़ा झटका
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि हिडमा की मौत से माओवादी संगठन को गहरा आघात लगेगा। वह न केवल प्रमुख रणनीतिकार था बल्कि दक्षिण बस्तर में संगठन की पकड़ बनाए रखने में उसकी भूमिका अहम थी। उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम भी था। हिडमा ने कम से कम 26 बड़े हमलों की योजना बनाई और अंजाम दिया था। उसकी मौत से नक्सली नेटवर्क कमजोर होगा।
सीमावर्ती इलाकों में चल रहा था ऑपरेशन
सुरक्षाबलों ने आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों में नक्सलियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान चलाया था। इसी दौरान नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ में हिडमा के साथ उसकी पत्नी भी मारी गई। सुरक्षा बलों ने गुप्त सूचना के आधार पर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस सफलता से सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है।
