Bihar News: लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर राजनीति में कदम रख दिया। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उन्हें दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इस कदम के साथ ही मौजूदा विधायक मिश्रीलाल यादव का टिकट कटना लगभग तय माना जा रहा है। मैथिली के सोशल मीडिया पर मजबूत पकड़ और मिथिला क्षेत्र में अपार लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा उन्हें अपने चुनाव प्रचार का प्रमुख चेहरा भी बना सकती है।
पटना के होटल चाणक्य स्थित भाजपा मीडिया सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मैथिली ठाकुर को आधिकारिक रूप से पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसी कार्यक्रम के दौरान राजद विधायक भरत बिंद ने भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। जायसवाल ने कहा कि आने वाले दिनों में महागठबंधन के कई और नेता भाजपा में शामिल होंगे।
मैथिली ठाकुर ने इस मौके पर कहा कि वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से प्रेरित होकर पार्टी में शामिल हुई हैं। उन्होंने कहा, “मैं समाज सेवा के लिए आई हूं और उनकी विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने आई हूं। मैं मिथिला की बेटी हूं और मेरा प्राण मिथिलांचल में बसता है। सब पार्टी देखेगी, मैं बस पार्टी का सहयोग करने आई हूं।”
अलीनगर सीट का चुनावी इतिहास
अलीनगर विधानसभा सीट दरभंगा जिले में आती है और यह एक सामान्य सीट है। वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद यह सीट अस्तित्व में आई थी। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में यहां वीआईपी के मिश्री लाल यादव ने आरजेडी के बिनोद मिश्रा को 3101 वोटों के अंतर से हराया था। उस चुनाव में मिश्री लाल को 61082 वोट मिले थे जबकि बिनोद मिश्रा को 57981 वोट मिले थे।
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भाजपा के मिश्री लाल यादव को 13,460 वोटों से हराया था। इससे पहले 2010 में इस सीट पर हुए पहले चुनाव में भी आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी ही विजयी हुए थे। इस तरह, अब तक हुए तीन चुनावों में दो बार यह सीट आरजेडी और एक बार वीआईपी के खाते में गई है।
मैथिली ठाकुर का सफर
मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में हुआ था। वह अभी 25 वर्ष की हैं और दरभंगा की रहने वाली हैं, हालांकि वह लंबे समय से दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में रह रही हैं। उनके पिता रमेश ठाकुर और मां भारती ठाकुर दोनों संगीत शिक्षक हैं। मैथिली के दोनों भाई ऋषभ और अयाची भी संगीत के क्षेत्र में सक्रिय हैं।
मैथिली को बचपन से ही संगीत का शौक था और महज चार साल की उम्र में ही उन्होंने संगीत सीखना शुरू कर दिया था। उन्होंने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ हारमोनियम और तबला बजाने की भी ट्रेनिंग ली है। मैथिली हिंदी, मैथिली, भोजपुरी और बंगाली सहित कई भाषाओं में गाना गाती हैं।
भाजपा में शामिल होने से पहले हुई थी वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात
मैथिली ठाकुर के भाजपा में शामिल होने से पहले ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से उनकी मुलाकात हो चुकी थी। कुछ दिन पहले भाजपा के चुनाव प्रभारी विनोद तावड़े और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने उनसे मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद तावड़े ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि साल 1995 में बिहार में लालू राज आने पर जो परिवार बिहार छोड़कर चला गया था, उस परिवार की बिटिया बदलते बिहार की रफ्तार को देखकर वापस आना चाहती हैं।
मैथिली ठाकुर से मुलाकात के बाद आजतक से बातचीत में उन्होंने कहा था कि भाजपा नेताओं के साथ उनकी आधे घंटे तक बातचीत हुई और यह बातचीत सकारात्मक रही। उन्होंने यह भी कहा था कि वह एनडीए के समर्थन में हैं और हमेशा से भाजपा उनकी प्राथमिकता रही है। मैथिली ने कहा था कि वह दिल्ली में काम के सिलसिले में रहती हैं, लेकिन उनकी आत्मा बिहार से जुड़ी है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का कार्यक्रम
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दो चरणों में होने वाले हैं। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। पहले चरण की 121 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामांकन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर है, जबकि दूसरे चरण की 122 सीटों के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर है।
भारतीय जनता पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची मंगलवार को जारी की, जिसमें 71 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इस सूची में अलीनगर सीट का नाम शामिल नहीं था, जिससे मैथिली ठाकुर के इस सीट से उम्मीदवार बनने की संभावना और मजबूत हुई है। बिहार की 243 सीटों के लिए भाजपा 101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा द्वारा मैथिली ठाकुर जैसे लोकप्रिय चेहरे को टिकट देने का फैसला एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है। मैथिली ठाकुर का मिथिला क्षेत्र में व्यापक जनाधार है और सोशल मीडिया पर उनकी मजबूत मौजूदगी है। पार्टी उनकी लोकप्रियता का इस्तेमाल युवाओं और महिला मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए कर सकती है।
मैथिली ठाकुर के राजनीति में आने से बिहार के सियासी समीकरणों में दिलचस्प बदलाव आया है। अलीनगर सीट पर पारंपरिक रूप से जातिगत समीकरणों के आधार पर चुनाव लड़े जाते रहे हैं, लेकिन एक लोकप्रिय गायिका के चुनाव मैदान में उतरने से यह समीकरण बदल सकता है। आगामी चुनाव में इस सीट पर सभी दलों की नजरें टिकी रहेंगी।
