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बुधवार, 27 सितम्बर,2023

पन्ना राज परिवार की महारानी जीतेश्वरी कुमारी ने जुगलकिशोर मंदिर में किया हंगामा, पुलिस ने किया गिरफ्तार

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Madhya Pradesh News: बुंदेलखंड के प्रसिद्ध जुगलकिशोर मंदिर में पन्ना राजघराने की महारानी जितेश्वरी देवी ने गुरुवार की रात श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर हंगामा कर दिया। कृष्ण जन्मोत्सव रात 12.00 बजे शुरू हुआ। इस दौरान जितेश्वरी देवी आरती के बीच से उठीं और गर्भगृह में जाकर पुजारी से चंवर छुड़ा लिया। फिर भक्तों की तरफ देखकर गलत तरीके से चंवर डुलाने लगीं। श्रद्धालुओं ने उनको गर्भगृह से बाहर करने की आवाजें लगाईं। पुजारी और वहां मौजूद लोगों ने जितेश्वरी देवी को गर्भगृह से बाहर करने की कोशिश की। इस दौरान वह गिर गईं। उन्हें पुलिस की मदद से घसीटकर बाहर किया गया। उन्होंने पुलिस से भी अभद्रता की। पूजन में विघ्न के कारण पुजारी को आरती बीच में ही रोकनी पड़ी।

मंदिर समिति के प्रबंधक संतोष कुमार तिवारी ने पुलिस को बताया कि महारानी शराब के नशे में थीं। पन्ना कोतवाली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के बाद श्रद्धालुओं में आक्रोश है। उन्होंने पन्ना के इतिहास में इसे सबसे निंदनीय घटना बताया है। वहीं, महारानी का कहना है कि मंदिर के मुसद्दी और पुजारी ने झूठे आरोप लगाए हैं। राज परिवार के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।

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पन्ना के पुलिस अधीक्षक सांई कृष्ण एस थोटा ने बताया कि मंदिर में कृष्ण जन्मोत्सव के दौरान कमेटी के किसी सदस्य ने जितेश्वरी देवी को बुलाया था। पन्ना राजघराने के 19वें वारिस महाराजा राघवेंद्र सिंह जू देव का इसी वर्ष जनवरी में निधन हो गया था। इसके बाद राजघराने की परंपराओं को निभाने की जिम्मेदारी उनके बेटे छत्रसाल द्वितीय को सौंपी गई। कृष्ण जन्मोत्सव पर मंदिर में चंवर डुलाने की परंपरा उनके द्वारा ही की जानी थी। किसी कारणवश वे मंदिर नहीं आ पाए। उनकी मां जितेश्वरी देवी मंदिर पहुंचीं और हंगामा कर दिया। मामले में जांच कर वैधानिक कार्रवाई करेंगे।

उल्लेखनीय है कि मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व मथुरा वृंदावन की तरह मनाया जाता है। यह परंपरा करीब 300 वर्ष से चली आ रही है। यहां पन्ना राजघराने के महाराजाओं की उपस्थिति में पूजन होता रहा है। पन्ना के जुगलकिशोर मंदिर में बुंदेली छाप दिखती है। मंदिर उत्तर मध्यकालीन वास्तुशिल्प के अनुरूप बना है। मंदिर में राधा कृष्ण की जोड़ी के अनुपम दर्शन होते हैं। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण की मुरली में बेशकीमती हीरे जड़े गए थे, जिसे लेकर सैकड़ों साल से यह भजन गाया जा रहा है, ‘पन्ना के जुगल किशोर हो, मुरलिया में हीरा जड़े हैं।’

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