Himachal News: भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के बयान ने राजनीतिक बहस छेड़ दी है। उन्होंने बिहार में महागठबंधन की तुलना महाभारत के कौरवों से की। इस पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने तीखा जवाब दिया। उन्होंने भाजपा से पूछा कि क्या उन्होंने कभी हिमाचल के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।
अनुराग ठाकुर ने बिहार चुनाव को महाभारत की संज्ञा दी। उन्होंने भाजपा और उसके सहयोगियों को पांच पांडव बताया। उनका कहना था कि यह गठबंधन विपक्षी महागठबंधन को हराएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी समेत पांच नेताओं का जिक्र किया।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस तुलना पर स्पष्ट प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पांडवों ने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया था। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की भाजपा से सीधा सवाल पूछा। उन्होंने जानना चाहा कि क्या उन्होंने राज्य के हक की लड़ाई लड़ी।
राज्य के अधिकारों पर सवाल
सुखविंदर सिंह सुक्खूका बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह हिमाचल प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच तनाव को दर्शाता है। मुख्यमंत्री लगातार राज्य के हक की बात करते रहे हैं। उन्होंने विशेष दर्जे की मांग को लेकर भी आवाज उठाई है।
अनुराग ठाकुर हमीरपुर से सांसद हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। उनका बयान बिहार चुनाव को लेकर भाजपा की रणनीति को दर्शाता है। पार्टी महागठबंधन के खिलाफ मजबूत मोर्चा बना रही है। उन्होंने सभी सहयोगी दलों को एक साथ लाने का काम किया है।
पांच पांडवों में कौन
ठाकुर ने पांच नेताओं को पांडवों की संज्ञा दी। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे प्रमुख हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस गठबंधन का हिस्सा हैं। लोजपा प्रमुख चिराग पासवान को भी शामिल किया गया है।
हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोकमोर्चा के उपेंद्र कुशवाहा भी इसमें शामिल हैं। यह सभी दल बिहार में भाजपा के सहयोगी हैं। इनके बीच सीटों का बंटवारा भी हो चुका है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
मुख्यमंत्री सुक्खू की प्रतिक्रिया ने इस बहस को नया मोड़ दिया है। उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा के दावों को चुनौती दी है। हिमाचल प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच तनाव बढ़ गया है। यह बहस चुनावी रणनीति का हिस्सा बन सकती है।
बिहार चुनाव में महागठबंधन बनाने वाली पार्टियों ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उन्होंने अनुराग ठाकुर के बयान पर टिप्पणी करने से परहेज किया है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक इसकी गूंज चुनाव प्रचार में देख रहे हैं।
ऐतिहासिक तुलना का सिलसिला
यह पहली बार नहीं है जब महाभारत की तुलना राजनीति में हुई है। पहले भी कई नेताओं ने ऐसी उपमाएं दी हैं। राजनीतिक दल अक्सर अपने आप को धर्म की तरफ खड़ा दिखाते हैं। विपक्ष को अधर्म की शक्तियों से जोड़ा जाता है।
हिमाचल प्रदेश में यह बहस विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यहां की भाजपा इकाई केंद्र सरकार के करीब मानी जाती है। मुख्यमंत्री सुक्खू का बयान राज्य के हितों की रक्षा का संकेत देता है। यह राज्य और केंद्र के रिश्तों का नया अध्याय लिख सकता है।
