India News: मद्रास हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि आधार कार्ड अपडेट कराना नागरिकों का मूलभूत अधिकार है। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन की पीठ ने कहा कि यह नागरिकों का वैधानिक हक है। अदालत ने यूआईडीएआई को निर्देश दिया कि वह स्थानीय स्तर पर आधार अपडेट की सुविधा उपलब्ध कराए।
अदालत ने कहा कि लोगों को आधार में किसी तरह का अपडेट कराने के लिए परेशानी नहीं उठानी चाहिए। बेंच ने स्पष्ट किया कि आधार के जरिए मिलने वाले लाभ सरकार की ओर से दिए जाते हैं। ऐसे में आधार बनवाना या उसमें अपडेट कराना नागरिकों का मूल अधिकार है।
74 वर्षीय विधवा का मामला
अदालत ने यह टिप्पणी 74 वर्षीय विधवा पी. पुष्पम की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। तमिलनाडु के परमकुड़ी की रहने वाली पुष्पम ने बताया कि उनकी पारिवारिक पेंशन अटकी हुई है। इसकी वजह आधार कार्ड में नाम और जन्मतिथि की गलतियां हैं।
पुष्पम के पति एक सैनिक थे जिन्होंने 21 साल तक सेवाएं दीं। उनका मई 2025 में निधन हो गया था। पति के निधन के बाद जब महिला ने पेंशन के लिए आवेदन किया तो रक्षा लेखा विभाग ने प्रक्रिया करने से इनकार कर दिया। विभाग ने आधार में सुधार की मांग की।
अदालत ने की UIDAI को निर्देशित
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि जब लाभ हासिल करना मूल अधिकार है और उसके लिए आधार कार्ड जरूरी है तो अपडेट कराने की सुविधा नागरिकों के पास होनी चाहिए। बेंच ने स्पष्ट किया कि यह यूआईडीएआई का काम है कि वह लोगों को स्थानीय स्तर पर सुविधाएं प्रदान करे।
अदालत ने कहा कि लोगों को मशक्कत नहीं करनी चाहिए। देश के कई हिस्सों में आधार कार्ड नया बनवाने या अपडेट कराने के लिए केंद्र दूर हैं। लोगों को वहां जाकर लंबी लाइनों में लगना पड़ता है। अदालत ने इसे गलत बताया।
आधार अपडेट की वर्तमान स्थिति
वर्तमान में आधार कार्ड में सुधार कराने के लिए नागरिकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कई क्षेत्रों में आधार केंद्र कम हैं और दूर-दूर तक फैले हुए हैं। लोगों को इन केंद्रों तक पहुंचने में परेशानी होती है और समय की बर्बादी भी होती है।
केंद्रों पर लंबी कतारें और समय सीमा की समस्याएं आम हैं। बुजुर्ग और दिव्यांग नागरिकों के लिए यह प्रक्रिया और भी कठिन हो जाती है। ऑनलाइन सुविधाएं भी सभी के लिए सुलभ नहीं हैं। इस aadhaar card update प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है।
सरकारी योजनाओं से जुड़ाव
आधार कार्ड अब सरकारी योजनाओं और लाभों का केंद्रीय बिंदु बन गया है। पेंशन, राशन, बैंकिंग और अन्य सुविधाएं आधार से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में आधार में कोई त्रुटि होने पर नागरिकों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
पुष्पम का मामला इसका ज्वलंत उदाहरण है। आधार में नाम की गलत वर्तनी के कारण उनकी पेंशन अटक गई। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां आधार में त्रुटियों के कारण लोगों को योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ा। UIDAI को इन समस्याओं का समाधान खोजना होगा।
भविष्य की दिशा
मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के बाद यूआईडीएआई को स्थानीय स्तर पर सुविधाएं बढ़ानी होंगी। ग्राम पंचायत स्तर तक आधार अपडेट की सुविधा उपलब्ध करानी होगी। मोबाइल वैन और विशेष शिविरों के जरिए दूरदराज के इलाकों तक पहुंचना होगा।
डिजिटल सुविधाओं को और सुदृढ़ करना होगा। ऑनलाइन अपडेट की प्रक्रिया को सरल बनाना होगा। बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था करनी होगी। इससे नागरिकों को अपने अधिकारों का लाभ मिल सकेगा।
