Madhya Pradesh News: भिंड जिले के अटेर क्षेत्र में जातीय तनाव ने गंभीर रूप ले लिया है। सुरपुरा गांव में सवर्ण समाज ने महापंचायत कर दलितों का सामाजिक और आर्थिक बहिष्कार करने का संकल्प लिया। इस महापंचायत में दलितों से सभी संबंध तोड़ने की शपथ ली गई।
यह घटना एक दलित युवक के साथ हुई मारपीट और अपमानजनक घटना के बाद सामने आई। पीड़ित युवक ने आरोप लगाया कि उसे जबरदस्ती शराब पिलाई गई और पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया। इस मामले में तीन युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
क्या हुआ था दलित युवक के साथ?
घटना में 25 वर्षीय दलित ड्राइवर युवक को ग्वालियर से अगवा कर भिंड लाया गया। आरोपियों ने उसकी सुरपुरा गांव में बेरहमी से पिटाई की। युवक को जबरदस्ती शराब पिलाई गई और पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया। युवक की हालत बिगड़ने पर आरोपी मौके से फरार हो गए।
पीड़ित ने सीधे कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क किया। उसने पूरी घटना का ब्यौरा दिया। इसके बाद पुलिस ने सोनू बरुआ, आलोक पाठक और छोटू ओझा के खिलाफ मामला दर्ज किया। सभी आरोपी ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।
महापंचायत में लिए गए संकल्प
सवर्ण समुदाय ने महापंचायत में कई अहम फैसले लिए। दलितों से सामाजिक संबंध पूरी तरह तोड़ने का संकल्प लिया गया। उनसे बातचीत और लेन-देन बंद करने की बात कही गई। दलितों को खेती के लिए बंटाई पर जमीन न देने का भी फैसला हुआ।
महापंचायत में आसपास के कई गांवों के लोग शामिल हुए। सवर्ण समाज के लोगों ने एकजुटता दिखाई। उनका आरोप है कि उनके युवकों को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है। इसी के विरोध में यह महापंचायत बुलाई गई थी।
गांव में तनावपूर्ण माहौल
इस महापंचायत के बाद गांव का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। दलित और सवर्ण समुदाय के बीच संबंधों में खटास आ गई है। स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लिया है। पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाए हैं।
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सामाजिक बहिष्कार की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी भी तरह की भड़काऊ कार्रवाई पर कड़ी कानूनी कार्रवाई का एलान किया गया है। प्रशासन दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है। उन्होंने पीड़ित युवक से सीधी बात की और मामले को उजागर किया। पटवारी ने प्रशासन पर त्वरित कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। उन्होंने दलित समुदाय के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई।
विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर दलित उत्पीड़न के मामलों पर नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि ऐसी घटनाएं समाज में विभाजन पैदा करती हैं। सरकार को ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस ने गांव में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है। दोनों समुदायों के नेताओं से बातचीत की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि कानून सभी के लिए समान है। किसी भी तरह का सामाजिक या आर्थिक बहिष्कार गैरकानूनी है। ऐसी किसी भी कार्रवाई पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन शांति और सौहार्द बनाए रखने को प्रतिबद्ध है।
