World News: मेडागास्कर के राष्ट्रपति आंद्रे राजोएलिना युवाओं के भारी विरोध प्रदर्शन के बाद देश छोड़कर चले गए हैं। विपक्षी नेताओं ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि वह रविवार को फ्रांसीसी सैन्य विमान से रवाना हुए। राष्ट्रपति के भागने से पहले ही देश में सेना ने तख्तापलट की कोशिश का दावा किया था। कुछ सैन्य टुकड़ियां प्रदर्शनकारियों में शामिल भी हो गई थीं।
संसद में विपक्ष के नेता सितेनी रैंड्रियानासोलोनियाइको ने बताया कि राष्ट्रपति कार्यालय के कर्मचारियों ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि राजोएलिना का वर्तमान ठिकाना अज्ञात है। राष्ट्रपति कार्यालय ने इस मामले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है।
राष्ट्रपति राजोएलिना ने सोमवार देर रात फेसबुक पर राष्ट्र के नाम संबोधन दिया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर जाना होगा। उन्होंने अपना ठिकाना नहीं बताया लेकिन कहा कि वह मेडागास्कर को बर्बाद नहीं होने देंगे। राजनयिक सूत्रों के अनुसार वह पद छोड़ने से इनकार कर रहे हैं।
फ्रांसीसी सैन्य विमान से भागे
एक सैन्य सूत्र ने बताया कि राजोएलिना रविवार को फ्रांसीसी सैन्य विमान से मेडागास्कर से रवाना हुए। फ्रांसीसी रेडियो आरएफआई के अनुसार उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ समझौता किया था। सैन्य सूत्र ने विस्तार से बताया कि फ्रांसीसी सेना का कासा विमान सैंटे मैरी हवाई अड्डे पर उतरा।
सूत्र के अनुसार विमान के उतरने के पांच मिनट बाद एक हेलीकॉप्टर आया। इस हेलीकॉप्टर ने अपने यात्री को कासा विमान में स्थानांतरित किया। बताया जा रहा है कि यह यात्री राष्ट्रपति राजोएलिना ही थे। इस पूरे Operation में फ्रांसीसी सरकार की भूमिका स्पष्ट नहीं है।
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने मिस्र में बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह तुरंत पुष्टि नहीं कर सकते कि फ्रांस ने राजोएलिना को भागने में मदद की। मैक्रों ने जोर देकर कहा कि मेडागास्कर में संवैधानिक व्यवस्था बनी रहनी चाहिए। उन्होंने युवाओं की शिकायतों को तो समझा लेकिन सैन्य गुटों द्वारा इनका फायदा उठाने से चिंता जताई।
विरोध प्रदर्शन का कारण
मेडागास्कर में 25 सितंबर को पानी और बिजली की कमी के विरोध में प्रदर्शन शुरू हुए थे। यह प्रदर्शन जल्दी ही व्यापक विद्रोह में बदल गया। लोगों ने भ्रष्टाचार, कुशासन और बुनियादी सेवाओं की कमी के खिलाफ आवाज उठाई। युवाओं ने इन प्रदर्शनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
यह घटना जेन-जेड के विद्रोह का नवीनतम उदाहरण है। पिछले महीने नेपाल में भी इसी तरह के युवा विरोध प्रदर्शन हुए थे। वहां के प्रधानमंत्री को भी इस्तीफा देना पड़ा था। मेडागास्कर की घटनाएं दर्शाती हैं कि युवा वर्ग अब सत्ता के खिलाफ खुलकर बोल रहा है।
राजनीतिक अनिश्चितता
मेडागास्कर में वर्तमान राजनीतिक स्थिति अनिश्चित बनी हुई है। राष्ट्रपति के देश छोड़ने के बाद सत्ता का संकट गहरा गया है। संवैधानिक प्रक्रिया के तहत अगला रास्ता स्पष्ट नहीं है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
सैन्य की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो गई है। कुछ सैन्य टुकड़ियों का प्रदर्शनकारियों में शामिल होना एक गंभीर मोड़ था। अब यह देखना जरूरी है कि सेना शेष बची सरकार के साथ कैसा व्यवहार करती है। देश का भविष्य इन्हीं बातों पर निर्भर करेगा।
मेडागास्कर अफ्रीका के पूर्वी तट पर हिंद महासागर में स्थित द्वीपीय देश है। यह पहले फ्रांस का उपनिवेश रह चुका है। देश लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक संकटों का सामना कर रहा है। वर्तमान घटनाक्रम ने इस संकट को और गहरा दिया है।
