Himachal News: सुजानपुर में पागल कुत्ते के हमलों ने गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। पहले चौबीस लोगों के काटे जाने की सूचना थी। अब पीड़ितों की संख्या तीस से अधिक हो गई है। सभी घायलों को तुरंत एंटी रैबिज के इंजेक्शन लगाए गए हैं। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी घटनास्थल पर नजर बनाए हुए हैं। लोगों में डर का माहौल है।
डॉक्टरों की टीम लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही है। उनका मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है। वे रैबीज के खतरों और बचाव के तरीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। घायलों की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। अधिकारी आश्वस्त कर रहे हैं कि स्थिति नियंत्रण में है।
रैबीज बीमारी क्या है
हमीरपुर मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र सिंह डोगरा ने इस खतरनाक बीमारी को समझाया। उन्होंने बताया कि रेबीज एक घातक वायरल बीमारी है। यह बीमारी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है। यह जानलेवा हो सकती है लेकिन सही समय पर इलाज मिलने से बचाव संभव है। जानवरों के काटने के तुरंत बाद इलाज शुरू करना जरूरी होता है।
डॉ. डोगरा ने आगे कहा कि यह वायरस आमतौर पर संक्रमित जानवर की लार से फैलता है। यह अक्सर काटने की घटना में होता है। वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद धीरे-धीरे मस्तिष्क की ओर बढ़ता है। इस दौरान अगर रैबीज का टीका लग जाए तो वायरस को निष्क्रिय किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में रैबीज के कारण हजारों मौतें होती हैं।
लक्षण और बचाव के उपाय
रैबीज के शुरुआती लक्षणों में बुखार और झनझनाहट शामिल है। घाव के आसपास की जगह सुन्न हो सकती है। समय बीतने के साथ लक्षण गंभीर होते जाते हैं। मरीज को पानी से डर लगने लगता है। भ्रम और आक्रामक व्यवहार जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अंत में मरीज कोमा में चला जाता है और स्थिति जानलेवा बन जाती है।
किसी भी जानवर के काटने पर तुरंत साबुन और पानी से घाव को अच्छी तरह साफ करें। इस प्रक्रिया को कम से कम पंद्रह मिनट तक जारी रखना चाहिए। उसके बाद तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। डॉक्टर की सलाह के अनुसार एंटी रैबिज वैक्सीन की पूरी खुराक लेना अनिवार्य है। टीकाकरण की श्रृंखला को बीच में नहीं छोड़ना चाहिए।
सुजानपुर में क्या हुआ
सुजानपुर में एक पागल कुत्ते ने लगातार हमला किया। इसकी चपेट में आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रशासन ने कुत्ते को पकड़ने के लिए विशेष दल गठित किए हैं। स्थानीय निवासी अपने घरों के अंदर दहशत के साथ हैं। बच्चों को बाहर निकलने से रोका जा रहा है। स्कूल प्रबंधन भी सतर्कता बरत रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने एंटी रैबिज वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर इसकी उपलब्धता की जांच की गई है। अधिकारी लोगों से अनुरोध कर रहे हैं कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। किसी भी आपात स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
पशु नियंत्रण के प्रयास
स्थानीय प्रशासन ने आवारा कुत्तों को पकड़ने का अभियान तेज कर दिया है। पशु चिकित्सा विभाग की टीमें लगातार काम कर रही हैं। उनका लक्ष्य संभावित खतरे को कम करना है। कुत्तों को पकड़कर उनकी जांच की जा रही है। संक्रमित पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम द्वारा नसबंदी अभियान भी चलाया जा रहा है।
पशु काटने की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता महत्वपूर्ण है। लोगों को आवारा जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए। बच्चों को जानवरों को छेड़ने से रोकना जरूरी है। जानवर दिखने पर स्थानीय अधिकारियों को सूचित करें। समुदाय की सक्रिय भागीदारी से ऐसी घटनाओं को कम किया जा सकता है। सामूहिक प्रयास ही स्थायी समाधान दे सकते हैं।
