Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित त्रिलोकपुर का माँ बाला सुंदरी मंदिर भक्तों की अटूट आस्था का केंद्र है। यह मंदिर हिमाचल और हरियाणा की सीमा पर स्थित काला अंब से मात्र साढ़े पांच किलोमीटर दूर है। इसकी स्थापना का रहस्यमय इतिहास सोलहवीं शताब्दी में एक चमत्कारी घटना से जुड़ा है। मंदिर की देखरेख हिमाचल प्रदेश सरकार करती है।
व्यापारी के नमक के बोरे में प्रकट हुईं थीं माँ
कथाके अनुसार वर्ष 1573 में त्रिलोकपुर गाँव के व्यापारी लाला रामदास देवबंद से नमक के बोरे लाए थे। उनमें से एक बोरी का नमक कभी खत्म नहीं होता था। इस चमत्कार के बाद लाला रामदास को माँ बाला सुंदरी का दिव्य साक्षात्कार हुआ। देवी ने स्वयं प्रकट होकर त्रिलोकपुर में उनके मंदिर निर्माण का आदेश दिया।
राजा के स्वप्न ने पूरी की माँ की इच्छा
लालारामदास को स्वप्न में माँ ने बताया कि वह देवबंद से आई हैं और नमक के बोरे में पिंडी रूप में विराजमान हैं। यह बात सिरमौर रियासत के तत्कालीन शासक राजा प्रदीप प्रकाश तक पहुँची। राजा को भी माँ ने स्वप्न में आदेश दिया। इसके बाद जयपुर से कारीगर बुलवाए गए और 1573 ईस्वी में संगमरमर का भव्य मंदिर बनवाया गया।
मंदिर का ऐतिहासिक जीर्णोद्धार
महाराजाफतेह प्रकाश ने 1823 में इस मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया। बाद में महाराजा रघुबीर प्रकाश ने 1851 में मंदिर का फिर से जीर्णोद्धार कराया। इस प्रकार सिरमौर के राजवंश ने लगातार इस धार्मिक स्थल के संरक्षण और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मंदिर का वर्तमान स्वरूप इन्हीं ऐतिहासिक निर्माणों का परिणाम है।
शक्ति त्रिकोण में विशेष स्थान
त्रिलोकपुर क्षेत्र मेंतीन शक्ति मंदिर त्रिकोण में स्थित हैं। इनमें माँ बाला सुंदरी, भगवती ललिता देवी और त्रिपुर भैरवी शामिल हैं। इस त्रिकोण की विशेष स्थिति इस स्थान की आध्यात्मिक महत्ता को और बढ़ा देती है। भक्त इन तीनों देवी स्थलों के दर्शन का विशेष महत्व मानते हैं।
मंदिर तक पहुँचने में अब सुविधा
कालाअंब से त्रिलोकपुर मंदिर तक की सड़क का हाल ही में सुधारा गया है। लोक निर्माण विभाग ने इस 6 किलोमीटर लंबे मार्ग की मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया है 。 इससे श्रद्धालुओं के लिए मंदिर तक पहुँचना काफी आसान हो गया है। काला अंब स्वयं हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक कस्बा है 。
दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
माँबाला सुंदरी के इस अलौकिक मंदिर में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान सहित कई राज्यों से श्रद्धालु आते हैं। देवी को शक्ति, समृद्धि और रक्षा की देवी के रूप में पूजा जाता है। भक्तों की दृढ़ मान्यता है कि यहाँ पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और माँ अपने भक्तों की हर संकट से रक्षा करती हैं।
