Lucknow News: लखनऊ जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर कैदी ने जानलेवा हमला किया है। इस हमले में उनके सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। डॉक्टरों ने उनके सिर पर दस से अधिक टांके लगाए हैं। वर्तमान में प्रजापति का इलाज अस्पताल में चल रहा है। उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने सोशल मीडिया पर इस घटना की पुष्टि की। उन्होंने लिखा कि जेल में बंद पूर्व मंत्री पर हमले की खबर चिंताजनक है। उन्होंने जेल प्रशासन से प्रजापति को समुचित इलाज उपलब्ध कराने की मांग की।
हमले की घटना
यह घटना तब हुई जब गायत्री प्रसाद प्रजापति जेल अस्पताल में इलाज के लिए गए थे। वहां उनकी साफ सफाई कर रहे एक कैदी से उनका विवाद हो गया। विवाद बढ़ने पर कैदी ने लकड़ी के पट्टे से उनके सिर पर वार कर दिया। इस हमले से उनका सिर फट गया और खून बहने लगा।
खून से लथपथ प्रजापति को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। जेल प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है। हमला करने वाले कैदी को अलग किया गया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। जेल सुरक्षा में चूक की आशंका जताई जा रही है।
राजनीतिक सफर
गायत्री प्रसाद प्रजापति ने अपना राजनीतिक सफर बाल्टी के चुनाव चिह्न से शुरू किया था। साल 1993 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा। साल 2012 में वे समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री पद भी संभाला।
प्रजापति का जन्म अमेठी के परसावा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम सुखई राम था। राजनीति में आने से पहले उन्होंने पेंटिंग का काम किया था। वह एचएएल कोरवा में पेंटर के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने बिल्डिंगों में पुताई का काम भी किया।
कानूनी मुकदमे
गायत्री प्रसाद प्रजापति साल 2017 से जेल में बंद हैं। साल 2021 में एक गैंगरेप मामले में अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इस मामले में उन पर कई गंभीर आरोप सिद्ध हुए थे। वह कई अन्य मामलों में भी आरोपी हैं।
जेल में बंद होने के बावजूद प्रजापति लगातार सुर्खियों में बने रहे हैं। इससे पहले भी जेल में उनके साथ कई विवाद हो चुके हैं। जेल प्रशासन ने इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। उच्च अधिकारी इस घटना की जांच कर रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इस घटना पर गंभीर चिंता जताई है। उनका कहना है कि जेल प्रशासन की लापरवाही से यह घटना हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है। विपक्षी दलों ने भी जेल सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
राज्य सरकार ने इस मामले में कोई आधिकारिक बयान अभी तक जारी नहीं किया है। जेल मंत्रालय ने घटना की रिपोर्ट मांगी है। अधिकारी प्रजापति के इलाज पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उनके परिवार वालों को सूचना दी जा चुकी है।
