शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल में लॉटरी वापसी: 31 मार्च तक पूरा होगा टेंडर, सालाना 100 करोड़ का टारगेट

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश में लॉटरी को फिर से शुरू करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। वित्त विभाग के अधिकारी पंजाब, सिक्किम और केरल का दौरा करेंगे। इस दौरे का उद्देश्य इन राज्यों की लॉटरी व्यवस्था का अध्ययन करना है। इसके बाद ही राज्य में टेंडर दस्तावेज तैयार किए जाएंगे।

राज्य मंत्रिमंडल ने जुलाई में लॉटरी पुनः शुरू करने का निर्णय लिया था। अब अगले वित्त वर्ष से पहले इसे लागू करने का लक्ष्य है। इसकी सभी औपचारिकताएं अगले साल 31 मार्च तक पूरी कर ली जाएंगी। यह प्रक्रिया निविदा आमंत्रण के रूप में आगे बढ़ेगी।

तीन राज्यों का होगा दौरा

लॉटरी विंग के निदेशक समेत कुछ अधिकारियों का दल तीन राज्यों का दौरा करेगा। इसमें पड़ोसी राज्य पंजाब शामिल है। पंजाब में लॉटरी की सक्रिय प्रणाली काम कर रही है। इसके अलावा सिक्किम और केरल का भी दौरा किया जाएगा।

अधिकारी इन राज्यों की व्यवस्था का गहन अध्ययन करेंगे। वे यह समझने का प्रयास करेंगे कि लॉटरी प्रबंधन के सर्वोत्तम तरीके क्या हैं। इस जानकारी का उपयोग हिमाचल के लिए दस्तावेज बनाने में किया जाएगा।

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तीस साल पुराने नियमों में संशोधन

लॉटरी से जुड़े मौजूदा नियम करीब तीन दशक पुराने हैं। इनमें बदलाव की सख्त जरूरत है। नई परिस्थितियों के अनुरूप इन नियमों को अपडेट किया जा रहा है। यह संशोधन प्रक्रिया भी समानांतर चल रही है।

नए संशोधित नियम आधुनिक और पारदर्शी होंगे। इनमें राजस्व सुरक्षा और सामाजिक दायित्व दोनों का ध्यान रखा जाएगा। नियमों का उद्देश्य एक संतुलित ढांचा तैयार करना है।

राज्य को होगा वित्तीय लाभ

राज्य सरकार को लॉटरी से अतिरिक्त आय की उम्मीद है। इससे प्रतिवर्ष पचास से सौ करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य रखा गया है। यह राजस्व राज्य के विकास कार्यों में सहायक होगा। अन्य राज्यों के अनुभव ने यह रास्ता दिखाया है।

यह आय राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगी। इसका उपयोग जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जा सकेगा। सरकार इस राजस्व को एक स्थिर स्रोत के रूप में देख रही है।

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लॉटरी का ऐतिहासिक सफर

हिमाचल में लॉटरी का अपना एक लंबा इतिहास रहा है। वर्ष 2000 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया था। उसके बाद अन्य राज्यों की लॉटरी यहां बिकती रही। साल 2004 में कांग्रेस सरकार ने उन पर भी प्रतिबंध लगा दिया।

अब लगभग दो दशक बाद लॉटरी को पुनर्जीवित किया जा रहा है। इस बार इसे राज्य सरकार के नियंत्रण और निगरानी में चलाया जाएगा। पुराने अनुभवों से सीखकर नई व्यवस्था बनाई जाएगी।

समयसीमा और आगे की राह

सारी प्रक्रिया को 31 मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके बाद निविदा आमंत्रण जारी किया जाएगा। फिर ऑपरेटर का चयन किया जाएगा। अंततः अगले वित्त वर्ष में लॉटरी की बिक्री शुरू हो सकेगी।

वित्त विभाग इस समयसीमा का पालन सुनिश्चित कर रहा है। हर चरण की सावधानीपूर्वक योजना बनाई जा रही है। सरकार चाहती है कि यह प्रक्रिया बिना किसी व्यवधान के पूरी हो।

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