Himachal News: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल में लॉटरी शुरू करने के सरकार के फैसले का विरोध किया। उन्होंने इसे लॉटरी माफिया के दबाव में लिया गया निर्णय बताया। ठाकुर ने कहा कि यह फैसला प्रदेश के हित में नहीं है। भारतीय जनता पार्टी ने इस कदम का कड़ा विरोध किया और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की। सरकार को इस निर्णय की पारदर्शिता दिखानी चाहिए।
लॉटरी जनहित में नहीं
जयराम ठाकुर ने कहा कि लॉटरी लागू करना जनहित में नहीं है। सरकार ने 5 लाख नौकरियों और स्वरोजगार के वादे किए थे, लेकिन अब लॉटरी को मास्टर स्ट्रोक बता रही है। उन्होंने पूछा कि क्या शराब, भांग और लॉटरी से राजस्व कमाना ही सरकार का लक्ष्य है? स्वाबलंबन योजनाएं बंद हैं और रोजगार सृजन पर कोई ध्यान नहीं है। इसकी जानकारी हिमाचल सरकार पर देखें।
लॉटरी के दुष्परिणाम
ठाकुर ने कहा कि 25 साल पहले बीजेपी सरकार ने लॉटरी बंद की थी। तब इसके दुष्परिणाम सामने आए थे। लोगों के घर और जमीन बिक गए। कई ने तनख्वाह और पेंशन गंवाई। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं जनता को राहत देनी चाहिए, न कि परेशानी। ठाकुर ने मुख्यमंत्री से लॉटरी का निर्णय वापस लेने और युवाओं के भविष्य पर ध्यान देने की अपील की।
परमार जयंती पर श्रद्धांजलि
जयराम ठाकुर ने डॉ. यशवंत सिंह परमार की 119वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि परमार ने हिमाचल के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके आदर्शों पर चलकर प्रदेश ने तरक्की की। ठाकुर ने परमार के विकास कार्यों और सांस्कृतिक विरासत को संजोने की बात कही। इस दौरान उन्होंने लॉटरी जैसे फैसलों पर फिर से सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
सरकार पर सवाल
ठाकुर ने सरकार से पूछा कि लॉटरी शुरू करने का फैसला किसके दबाव में लिया गया। उन्होंने लेनदेन और पारदर्शिता पर सवाल उठाए। ठाकुर ने कहा कि सरकार के तर्क हैरान करने वाले हैं। रोजगार और स्टार्टअप के वादे भूलकर सरकार लॉटरी को बढ़ावा दे रही है। बीजेपी इस फैसले का विरोध करती रहेगी और जनता के हित में आवाज उठाएगी।
