शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

Lok Sabha: सिगरेट और तंबाकू पर टैक्स बढ़ाने वाला बिल पास, अब चुकानी होगी ज्यादा कीमत

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New Delhi News: संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया। सदन ने सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल, 2025 को ध्वनिमत से पास कर दिया है। इस बिल के कानून बनते ही सिगरेट, हुक्का और चबाने वाले तंबाकू पर एक्साइज ड्यूटी लग जाएगी। सरकार का मकसद इन नशीले उत्पादों को महंगा करना है ताकि लोग इनका इस्तेमाल कम करें। अब यह बिल मंजूरी के लिए राज्यसभा भेजा जाएगा।

सेस की जगह लगेगा उत्पाद शुल्क

सरकार ने यह बिल जीएसटी मुआवजा सेस (Compensation Cess) के खत्म होने की वजह से पेश किया है। अभी तक तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी के अलावा यह सेस लगता था। इसकी मियाद खत्म होने वाली है। सरकार नहीं चाहती कि सेस हटने से सिगरेट या तंबाकू सस्ते हो जाएं। इसलिए सेस को हटाकर उसकी जगह उतना ही या उससे ज्यादा उत्पाद शुल्क (Excise Duty) लगाया जा रहा है। इससे मिलने वाला पैसा स्वास्थ्य सेवाओं और राष्ट्रीय सुरक्षा पर खर्च होगा।

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सिगरेट और हुक्का पीना पड़ेगा भारी

नया कानून लागू होने के बाद तंबाकू से जुड़े कई उत्पादों पर महंगाई की मार पड़ेगी। बिल में सिगरेट, सिगार और चुरूट पर लंबाई के आधार पर टैक्स लगाने का नियम है। प्रति 1000 स्टिक पर 5,000 रुपये से लेकर 11,000 रुपये तक की ड्यूटी लग सकती है। चबाने वाले तंबाकू पर लगने वाली ड्यूटी को दोगुना से ज्यादा किया जा सकता है। हुक्का तंबाकू पर भी 40 प्रतिशत तक शुल्क लगाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा जर्दा और पान मसाला भी महंगे होंगे।

सस्ती सिगरेट नहीं चाहती सरकार

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में चर्चा के दौरान सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि सिगरेट लोगों के लिए किफायती बनी रहे। उन्होंने बताया कि भारत में अभी सिगरेट पर कुल टैक्स 53 प्रतिशत है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मानक 75 प्रतिशत है। ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में यह टैक्स 80 से 85 प्रतिशत तक है। वित्त मंत्री ने साफ किया कि यह नया टैक्स ‘उपकर’ नहीं है, इसलिए इसका पैसा राज्यों के साथ भी बांटा जाएगा।

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किसानों का रखा जाएगा ध्यान

सदन में चर्चा के दौरान एनसीपी (शरद पवार गुट) की सांसद सुप्रिया सुले ने बिल का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि धूम्रपान रोकना जरूरी है, लेकिन तंबाकू किसानों की चिंता भी करनी होगी। इस पर सरकार ने भरोसा दिया है कि छोटे दुकानदारों और किसानों का ध्यान रखा जाएगा। उनके लिए सरकार अलग से योजना बनाएगी। फिलहाल सरकार का पूरा जोर ‘सिन गुड्स’ (Sin Goods) यानी नुकसानदेह सामानों की खपत घटाने पर है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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