Mumbai News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप से जुड़े 17,000 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी मामले में बड़ा कदम उठाया। ईडी ने 12-13 बैंकों से लोन की पूरी जानकारी मांगी। अनिल अंबानी को 5 अगस्त को पूछताछ के लिए तलब किया गया। शुक्रवार को उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी हुआ। यह मामला रिलायंस हाउसिंग फाइनेंस, कम्युनिकेशंस और कमर्शियल फाइनेंस से जुड़ा है।
बैंकों से मांगी गई जानकारी
ईडी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूको बैंक और अन्य से लोन मंजूरी की प्रक्रिया का ब्योरा मांगा। एजेंसी ने डिफॉल्ट की समय-सीमा और रिकवरी के कदमों की जानकारी भी मांगी। अगर जवाब संतोषजनक नहीं हुए, तो बैंकरों को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। ये लोन बाद में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) बन गए। ईडी गहराई से जांच कर रही है।
फर्जी बैंक गारंटी का खुलासा
जांच में 68.2 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी का पता चला। यह गारंटी रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड और महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड के नाम पर थी। गारंटी को असली दिखाने के लिए जाली ईमेल डोमेन “s-bi.co.in” का उपयोग हुआ। यह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के डोमेन से मिलता-जुलता था। ईडी ने लोन धोखाधड़ी के इस पहलू को उजागर करने के लिए एनआईएक्सआई से डोमेन की जानकारी मांगी।
तलाशी में मिले अहम सबूत
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत मुंबई में 35 ठिकानों पर तलाशी ली। यह कार्रवाई रिलायंस ग्रुप की 50 कंपनियों और 25 लोगों के खिलाफ थी। जांच में फर्जी दस्तावेज और धन के दुरुपयोग के सबूत मिले। लोन धोखाधड़ी मामले में एक ओडिशा की कंपनी के प्रबंध निदेशक को गिरफ्तार किया गया। ईडी ने कई गुप्त बैंक खातों का भी पता लगाया।
लोन की राशि का ब्योरा
रिलायंस हाउसिंग फाइनेंस पर 5,901 करोड़, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस पर 8,226 करोड़ और रिलायंस कम्युनिकेशंस पर 4,105 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। इन लोनों को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक ने दिया था। ईडी यह जांच कर रही है कि इन लोनों का दुरुपयोग कैसे हुआ। लोन धोखाधड़ी की गहराई से पड़ताल जारी है।
अनिल अंबानी पर सख्ती
ईडी ने अनिल अंबानी को 5 अगस्त को दिल्ली में पूछताछ के लिए बुलाया। उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है। जांच में बैंकों की मिलीभगत की आशंका भी शामिल है। ईडी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कर्ज की राशि का गलत इस्तेमाल कैसे हुआ। अंबानी की कंपनियों पर पहले भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं।
आगे की जांच तेज
ईडी इस मामले में गहन जांच कर रही है। फर्जी दस्तावेजों और गुप्त खातों के सबूतों ने मामले को और गंभीर बना दिया है। जांच एजेंसी बैंकों से जवाब मिलने के बाद अगले कदम उठाएगी। अनिल अंबानी से पूछताछ के बाद और बड़े खुलासे हो सकते हैं। यह मामला रिलायंस ग्रुप की वित्तीय विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है।
