Health News: लिवर शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो डिटॉक्सिफिकेशन सहित कई कार्य करता है। आधुनिक जीवनशैली लिवर पर अतिरिक्त दबाव डालती है। इससे लिवर में फैट जमा हो सकता है और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ फलों को आहार में शामिल करके लिवर को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। ये फल लिवर की प्राकृतिक सफाई प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं।
खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू और अंगूर लिवर स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद हैं। ये विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। ये तत्व लिवर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। विटामिन सी शरीर में ग्लूटाथियोन नामक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट बनाने में मदद करता है। ग्लूटाथियोन शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सेब के फायदे
सेब में पेक्टिन नामक एक विशेष प्रकार का फाइबर पाया जाता है। यह फाइबर पाचन तंत्र में मौजूद विषाक्त पदार्थों और कोलेस्ट्रॉल से चिपक जाता है। फिर इन्हें शरीर से बाहर निकालने में सहायता करता है। जब पाचन तंत्र स्वयं ही साफ हो जाता है तो लिवर पर काम का बोझ कम हो जाता है। इससे लिवर अपने अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को बेहतर ढंग से कर पाता है।
पपीता
पपीता पेट और लिवर दोनों के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इसमें पपेन और काइमोपपेन जैसे शक्तिशाली पाचक एंजाइम होते हैं। ये एंजाइम प्रोटीन के पाचन में सुधार करते हैं। एक बेहतर पाचन तंत्र लिवर पर विषाक्त पदार्थों के भार को कम करता है। पपीते में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लिवर में होने वाली सूजन को कम करने में भी सहायक हो सकते हैं।
कीवी का महत्व
कीवी एक पोषक तत्वों से भरपूर फल है। यह विटामिन सी, विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट का एक उत्कृष्ट स्रोत है। ये सभी तत्व लिवर को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद करते हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे फैटी लिवर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कीवी में मौजूद फाइबर पाचन को ठीक रखने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
लिवर को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार और सावधानियां जरूरी हैं। शराब और अत्यधिक तले-भुने भोजन से परहेज करना चाहिए। ये चीजें सीधे तौर पर लिवर को नुकसान पहुंचाती हैं। अगर पहले से कोई पेट की बीमारी है तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। लगातार पेट दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। फायदेमंद फलों का सेवन भी एक सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
