India News: देश के कई राज्यों में शराब की कीमतों में भारी अंतर देखने को मिलता है। कुछ राज्यों में एक्साइज ड्यूटी कम होने के कारण शराब बेहद सस्ती मिलती है। गोवा, हरियाणा और दमन जैसे स्थानों पर शराब की कीमतें महानगरों की तुलना में काफी कम हैं। पर्यटन और स्थानीय नीतियों के चलते इन क्षेत्रों में शराब पर टैक्स का बोझ कम रखा गया है।
गोवा में शराब की कीमतें देश में सबसे कम हैं। यहां एक्साइज ड्यूटी मात्र 55 प्रतिशत है। दिल्ली में 1500 रुपये की शराब गोवा में करीब 1100 रुपये में मिल जाती है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने जानबूझकर ड्यूटी कम रखी है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिलता है।
हरियाणा की सस्ती शराब
हरियाणा में शराब पर एक्साइज ड्यूटी केवल 43 प्रतिशत है। यह दर दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों से काफी कम है। इसी कारण दिल्ली के कई निवासी सस्ती शराब खरीदने के लिए हरियाणा का रुख करते हैं। राज्य सरकार को इससे अच्छा राजस्व प्राप्त होता है।
कीमतों में अंतर का फायदा उठाने वाले लोग सीमा से सटे इलाकों में शॉपिंग करते हैं। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है। हरियाणा सरकार ने ड्यूटी दरों को समय-समय पर संशोधित किया है।
केंद्र शासित प्रदेशों में स्थिति
दमन में भी शराब की कीमतें काफी कम हैं। गुजरात में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध होने के कारण दमन का महत्व बढ़ जाता है। गुजरात के निवासी सप्ताहांत में दमन आते हैं। वे यहां सस्ती शराब का आनंद लेते हैं।
पुडुचेरी भी सस्ती शराब के लिए जाना जाता है। केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते यहां की नीतियां अलग हैं। पर्यटक यहां की सस्ती शराब और सुंदर समुद्र तटों का लुत्फ उठाते हैं। स्थानीय प्रशासन को इससे दोहरा लाभ मिलता है।
पहाड़ी राज्यों में कीमतें
सिक्किम में शराब की कीमतें अपेक्षाकृत कम हैं। यहां की अपनी डिस्टलरीज हैं जिससे लागत कम आती है। एक्साइज ड्यूटी की दर भी अन्य राज्यों से कम रखी गई है। इससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को फायदा होता है।
हिमाचल प्रदेश में भी शराब सस्ती मिलती है। पहाड़ी इलाका होने के बावजूद यहां की कीमतें महानगरों से कम हैं। लद्दाख में भी शराब की कीमतें कम हैं। ऊंचाई वाले इलाके होने के बावजूद यहां शराब सस्ती मिलती है।
कीमतों में अंतर के कारण
विभिन्न राज्यों में शराब की कीमतों में अंतर के कई कारण हैं। एक्साइज ड्यूटी की दर सबसे बड़ा कारण है। कुछ राज्य पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ड्यूटी कम रखते हैं। कुछ राज्य सामाजिक कारणों से ड्यूटी अधिक रखते हैं।
महानगरों में शराब पर टैक्स की दर सबसे अधिक है। दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में शराब महंगी मिलती है। वहीं गोवा और दमन जैसे पर्यटन स्थलों पर शराब सस्ती मिलती है। इससे पर्यटन उद्योग को फायदा होता है।
