Sri Lanka News: श्रीलंका की ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को सरकार द्वारा टैक्स और उपयोगिता दरों में बढ़ोतरी के विरोध में देशव्यापी हड़ताल की। जिसकी वजह से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। साथ ही बैंकिंग, एयरपोर्ट, बंदरगाह जैसे प्रमुख सेक्टरों की सेवाएं भी बाधित हो गईं।
श्रीलंका में देशव्यापी हड़ताल
श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने देश में स्थिति को सुधारने के लिए टैक्स दरों में बढ़ोतरी की थी, जिसको लेकर ट्रेड यूनियनों ने सरकार से इस आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया। हालांकि, राष्ट्रपति ने ट्रैक्स दरों में बढ़ोतरी के अपने आदेश को वापस नहीं लिया।
हड़ताल से प्रभावित हुआ कामकाज
ट्रेड यूनियनों ने कहा कि हमने सुबह 7 बजे से लेकर कल सुबह सात बजे तक हड़ताल बुलाई है। बैंक कर्मचारी ट्रेड यूनियन के एक अधिकारी चन्ना दिसानायके ने बताया कि सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका सहित दो सरकारी बैंकों में बुधवार को काम बंद कर दिया गया है।
काली पट्टी बांधकर शिक्षकों ने किया विरोध
शिक्षक ट्रेड यूनियन के प्रवक्ता जोसेफ स्टालिन ने कहा कि शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर सरकार के इस कदम का विरोध किया, जबकि यूनिवर्सिटी टीचर्स फेडरेशन के चरुका इलांगसिन्हा ने कहा कि सरकार टैक्स बढ़ोतरी को जब तक वापस नहीं लेती जब तक हड़ताल का सहारा लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कॉर्पोरेट करों को 24 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी कर दिया, लेकिन सरकार ने जनवरी से प्रभावी रूप से करों में वृद्धि की शुरुआत की थी। इसको लेकर राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने कहा था कि मौजूदा आर्थिक संकट से उबरने के लिए टैक्स बढ़ाना एक आवश्यक कदम था।
ट्रेड यूनियनों का आरोप है कि कर संशोधन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को खुश करने के लिए है, क्योंकि श्रीलंका 2.9 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज के लिए आईएमएफ से मंजूरी का इंतजार कर रहा है। बिजली कर्मचारियों के ट्रेड यूनियन के रंजन जयलाल ने कहा था कि हम टैक्स दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ हड़ताल करेंगे, जैसा की पहले से ही योजना बनी हुई है।