Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल ने बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में दिल्ली सरकार की रिपोर्ट पर विचार करने से इनकार कर दिया है. याद दिला दें कि हाल ही में अरविंद केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी मार्लेना ने 600 पेज से ज्यादा की रिपोर्ट एलजी को भेजी थी. इस रिपोर्ट में मुख्य सचिव पर भूमि अधिग्रहण के बदले भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया गया था. लेकिन अब एलजी ने इस रिपोर्ट पर विचार करने से इनकार कर दिया है.
राजनिवास के अधिकारियों ने रविवार को जानकारी दी है कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार की सतर्कता मंत्री आतिशी की उस रिपोर्ट पर विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें प्रथम दृष्टया बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है. लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप लगे. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि यह रिपोर्ट पूरी तरह से मंत्री की काल्पनिक धारणाओं पर आधारित है. उपराज्यपाल ने कहा कि यह रिपोर्ट चल रही जांच को सुविधाजनक बनाने के बजाय नुकसान पहुंचा सकती है।
उपराज्यपाल की ओर से भेजी गई फाइल में उन्होंने कहा है, ‘मुझे उस शिकायत से संबंधित सतर्कता मंत्री की प्रारंभिक रिपोर्ट मिल गई है जो सीएम केजरीवाल ने मुझे भेजी थी. यह बहुत चौंकाने वाला और दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस रिपोर्ट में निगरानी से संबंधित संवेदनशील मामले शामिल हैं और इसे मेरे सचिव को एक लिफाफे में भेजा गया है जो पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में है। इस रिपोर्ट की डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक प्रतियां पहले से ही आसानी से उपलब्ध हैं और इसे मीडिया में भी कवर किया जा रहा है।
एलजी ने इस बात का संज्ञान लिया है कि रिपोर्ट से जुड़ी कुछ चुनिंदा जानकारियां मीडिया में लीक हो गई हैं. एलजी ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि इस पूरी जांच का मकसद सच सामने लाना नहीं बल्कि मीडिया ट्रायल शुरू करना और इस पूरे मामले को राजनीतिक मुद्दा बनाना था. एलजी ने यह भी कहा कि इस मामले में पहले से ही सीबीआई जांच कर रही है.
सीबीआई जांच पहले से ही चल रही है- एलजी
उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव और मंडलायुक्त की अनुशंसा पर मैंने पहले ही इस मामले की जांच सीबीआई को भेज दी है. आपको बता दें कि इस मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार पहले ही किसी भी तरह के भ्रष्टाचार के आरोप से इनकार कर चुके हैं. बुधवार को अरविंद केजरीवाल ने अपनी मंत्री आतिशी द्वारा तैयार की गई 670 पेज की रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपी थी. इस रिपोर्ट में नरेश कुमार को सस्पेंड करने की मांग की गई थी. दावा किया गया था कि बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में अवैध तरीके से 897 करोड़ रुपये कमाए गए हैं.
आपको बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने द्वारका एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए साल 2018 में 19 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था. दिल्ली सरकार का आरोप है कि मुख्य सचिव नरेश कुमार ने अपने बेटे करण चौहान से जुड़ी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए जमीन की कीमत से 22 गुना ज्यादा मुआवजा दिया.