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Saturday, April 1, 2023

जानें कैसे ISI के संपर्क में आया दुबई में ट्रक चलाने वाला अमृतपाल सिंह, पाकिस्तान ने दिया था यह काम

Punjab News: खालिस्तानी समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल सिंह पर पंजाब पुलिस शिकंजा कस रही है. राज्यभर में उसके खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाया जा रहा है. उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया है और उसके फाइनेंसर दलजीत सिंह कलसी, कई बॉडीगार्ड्स समेत 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

साथ ही कई अन्य को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया है. इसी बीच एक एक ऐसी बात सामने आई है, जो चिंता बढ़ाने वाली है. दुबई में आईएसआई के संपर्क में आया था अमृतपाल…

खुफिया विभाग के सूत्रों का कहना है कि अमृतपाल सिंह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की मदद और इशारे पर पंजाब को फिर पुराने दौर (आतंकवाद) की धकेलने की साजिश रच रहा है. वह दुबई में ट्रक ड्राइवर था, तभी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में आया था. यहां उसे धर्म के नाम पर सिख युवाओं को मोटिवेट करने का टास्क दिया गया था. इसके लिए आईएसआई की फंडिंग से खालिस्तान के नाम पर सिखों को एकजुट करके पंजाब में सक्रिय होना था.

पंजाब के मुद्दों और सिखों को सरकार के खिलाफ भड़काया

इनपुट्स के मुताबिक, पंजाब आने के बाद आईएसआई के कहने पर अमृतपाल सिंह ने अपना संगठन खड़ा किया. इसके लिए उसने अमृत संचार का सहारा लिया. बाद में उसने ‘खालसा वहीर’ नामक अभियान चलाया और गांवों में जाकर संगठन को मजबूत किया. इस दौरान पंजाब के मुद्दों को भड़काया और सिखों को केंद्र सरकार के खिलाफ भड़काना शुरू किया.

इस तरह अमृतपाल धर्म की आड़ में लोगों से मनचाहा काम करवाने में सफल होने लगा. इससे आईएसआई और उसका मनोबल मजबूत हुआ. इस सबसे पंजाब के लोगों के बीच आतंकवाद के बुरे दौर की यादें ताजा हो गईं.

खुफिया अलर्ट भी जारी किया गया था

गौरतलब है कि ऐसे समूहों द्वारा आतंकवाद को पुनर्जीवित करने और पंजाब में सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश करने पर बीते दिनों में खुफिया अलर्ट भी जारी किया गया था. केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया गया था कि धार्मिक नेता और भीड़भाड़ वाले स्थान आईएसआई और खालिस्तानी आतंकवादी समूहों के निशाने पर हैं.

सूत्रों ने बताया था कि पंजाब पुलिस को पंजाब-जम्मू सीमा पर चौकसी बढ़ाने के लिए कहा गया था. इसका इस्तेमाल आईएसआई द्वारा पंजाब में हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटकों की खेप भेजने के लिए किया जा सकता है.

खालिस्तानी ताकतों को एकजुट करने वाला 30 साल का अमृतपाल सिंह पंजाब में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन संचालित करता है. ये संगठन एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने बनाया था. 15 फरवरी 2022 को दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. इसके बाद इसकी कमान दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संभाली.

अजनाला में हथियारों से लैस होकर थाने पर हमला किया था

पिछले महीने ही अमृतपाल औऱ उनके साथियों ने पंजाब के अजनाला में हथियारों से लैस होकर थाने पर हमला कर दिया था. उसके समर्थकों ने अपहरण और दंगों के आरोपियों में से एक तूफान की रिहाई को लेकर पुलिस स्टेशन पर धावा बोला था. इस दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हुए थे. उसके ही एक पूर्व सहयोगी ने अमृतपाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें आरोप लगाया था कि इन सभी ने कथित तौर पर बरिंदर सिंह नाम के व्यक्ति को अजनाला से अगवा कर लिया और फिर मारपीट की.

पंजाब पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया

अमृतपाल के बुलंद होते हौसलों को देखते हुए पंजाब पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. पंजाब पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन से जुड़े लोगों पर चार आपराधिक दर्ज है. इसमें लोगों में वैमनस्य फैलाने, हत्या के प्रयास, पुलिस कर्मियों पर हमले और सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने के मामले हैं. इसी क्रम में अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमले के लिए संगठन के लोगों के खिलाफ केस 24 फरवरी को केस दर्ज किया गया था. इसमें अमृतपाल सिंह भी आरोपी है.

‘फेक न्यूज और अफवाहों पर ध्यान न दें’

पुलिस ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कानून के अनुसार निपटा जाएगा. सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे फेक न्यूज और अफवाहों पर ध्यान न दें. राज्य में स्थिति पूरी तरह स्थिर है. राज्य में शांति और सद्भाव को बिगाड़ने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा.

इंटरनेट सेवा बंद किए जाने के मामले में राज्य सरकार की ओर से कहा गया है, “सार्वजनिक सुरक्षा के हित में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी SMS सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली डोंगल सेवाएं 18 मार्च (12:00 घंटे) से 19 मार्च (12:00 घंटे) तक निलंबित रहेंगी.

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