National News: मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर खजुराहो के दौरे पर हैं। उन्होंने जवारी मंदिर में प्रार्थना की। इस दौरान उन्होंने पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग पर हिंदुओं के साथ दोगला व्यवहार का आरोप लगाया। उनके साथ कई धार्मिक नेता और स्थानीय लोग मौजूद थे।
राकेश किशोर ने कहा कि वे मूर्ति की पुनर्स्थापना और अपनी मांगें पूरी होने के बाद ही माल्यार्पण करेंगे। उन्होंने खजुराहो में स्वच्छता अभियान चलाने की आवश्यकता जताई। सैन्य एयरबेस निर्माण की योजना पर भी चिंता व्यक्त की।
मंदिर में हुई प्रार्थना सभा
जवारी मंदिर के गर्भगृह में सात फीट ऊंची भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा के सामने प्रार्थना हुई। साधु-संतों ने पूजा और माल्यार्पण किया। राम राज मिशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नरूका मौजूद रहे। मथुरा के मुख्य पक्षकार कौशल किशोर ठाकुर भी उपस्थित थे।
नरसिंहानंद सरस्वती सहित कई धार्मिक नेताओं ने भाग लिया। राकेश किशोर ने बताया कि उनका खजुराहो से विशेष लगाव है। वह पहले भी यहां आ चुके हैं। इस बार सुरक्षा कारणों से उन्हें विमान से आना पड़ा।
एएसआई पर लगाए गंभीर आरोप
राकेश किशोर ने पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एएसआई हिंदुओं के साथ दोगला व्यवहार कर रहा है। भोजपुर मंदिर में शिवलिंग की मरम्मत की गई। संभल की मस्जिद का भी रखरखाव किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मूर्ति खंडित नहीं होती, मानसिकता खंडित होती है। मूर्ति को पूजा योग्य बनाने के लिए शीश जोड़ना चाहिए। साथ में छोटी मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। 1958 के कानून में बदलाव की मांग की।
धार्मिक नेताओं ने जताई चिंता
राम राज मिशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नरूका ने मुगलकालीन शासन पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मुगलों ने देवी मूर्तियों के स्तन और शीश खंडित किए। इसे मानसिक हिंसा बताया। हिंदू समुदाय से एकजुट होकर विरोध करने का आग्रह किया।
राकेश किशोर ने कहा कि मांगें पूरी नहीं हुई तो संघर्ष जारी रहेगा। अगले जन्म में भी इस मुद्दे पर लड़ेंगे। हिंदू समुदाय को संस्कृति और मंदिरों की सुरक्षा के लिए आवाज उठानी चाहिए।
एएसआई अधिकारी ने दिया बयान
पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी दीक्षांत चावरे मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। मंदिर की सीढ़ियों से हटने का निवेदन किया। ताकि पर्यटकों को दर्शन में दिक्कत न हो।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि खजुराहो के स्मारक पर्यटकों के लिए खुले हैं। लेकिन पूजा-अर्चना और ध्यान की गतिविधियां वर्जित हैं। राकेश किशोर ने किसी गतिविधि की अनुमति नहीं ली थी। नियम उल्लंघन पर कार्रवाई हो सकती है।
