Maharashtra News: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को छत्रपति संभाजीनगर में कानून छात्रों को संबोधित किया। विष्णुपंत एडवांट व्याख्यान श्रृंखला में उन्होंने नैतिकता और स्वतंत्र विचारों पर जोर दिया। वकीलों को न्याय के सिद्धांतों पर काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। कानून क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी और छात्रों की आर्थिक मदद पर भी चर्चा की।
नैतिकता और स्वतंत्र विचारों पर जोर
पूर्व CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि वकीलों को नैतिकता को सर्वोपरि रखना चाहिए। उन्होंने कानून छात्रों से स्वतंत्र विचार रखने को कहा। किसी भी बंधन में न बंधने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि वंचितों के प्रति सहानुभूति जरूरी है। कानून के क्षेत्र में ईमानदारी से काम करने पर अवसर असीमित हैं। छात्रों को जीवनभर सीखने की ललक रखनी चाहिए। यह बातें उन्होंने व्याख्यान में कहीं।
कानून क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी
चंद्रचूड़ ने कानून क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाएं तकनीकी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। कानून में भी यह बदलाव जरूरी है। छोटे शहरों के छात्र आज सफलता पा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के विधि महाविद्यालय इसमें योगदान दे रहे हैं। उन्होंने वकीलों से छात्रों की आर्थिक मदद करने का आग्रह किया। बहुआयामी सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही।
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं
पूर्व CJI ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि सफलता का कोई संक्षिप्त मार्ग नहीं है। कड़ी मेहनत और समर्पण जरूरी है। कानून के छात्रों को हमेशा नया सीखने की इच्छा रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मार्गदर्शन कहीं से भी लिया जा सकता है। लेकिन विचार स्वतंत्र होने चाहिए। नैतिकता को प्राथमिकता देने की सलाह दी। यह कानून व्यवसाय के लिए जरूरी है।
ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों की सफलता
चंद्रचूड़ ने ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि छोटे कस्बों से आने वाले छात्र उल्लेखनीय सफलता पा रहे हैं। ग्रामीण विधि महाविद्यालयों का इसमें बड़ा योगदान है। उन्होंने वकीलों से इन छात्रों की आर्थिक सहायता करने को कहा। कानूनी शिक्षा के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया। यह क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी है।
कानून व्यवसाय के अवसर और चुनौतियां
‘कानून व्यवसाय का वर्तमान और भविष्य’ विषय पर बोलते हुए चंद्रचूड़ ने कहा कि यह क्षेत्र अवसरों से भरा है। लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं। नई पीढ़ी को ईमानदारी और मेहनत से काम करना होगा। तकनीकी बदलावों के साथ अपडेट रहना जरूरी है। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे खुद को लगातार अपग्रेड करें। इससे वे भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकेंगे।
