Himachal News: शिमला जिला प्रशासन ने लवी मेला रामपुर में प्रस्तुति देने के इच्छुक कलाकारों के लिए ऑडिशन प्रक्रिया शुरू की है। उपायुक्त एवं लवी मेला समिति के अध्यक्ष अनुपम कश्यप ने बताया कि कलाकार 05 नवंबर 2025 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह मेला 11 से 14 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा।
इच्छुक कलाकारों को अपने ऑडिशन का एक मिनट का वीडियो तैयार करना होगा। इस वीडियो को जिला लोक सम्पर्क अधिकारी और जिला भाषा अधिकारी शिमला को ईमेल के माध्यम से भेजना होगा। आवेदक dproshimlapr@gmail.com और dloshimla.hp@gmail.com पर अपना वीडियो भेज सकते हैं।
वीडियो बनाते समय इन बातों का रखें ध्यान
आवेदकों को वीडियो बनाते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होगा। वीडियो की गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए और ऑडियो स्पष्ट सुनाई देना चाहिए। वीडियो की अवधि एक मिनट से अधिक नहीं होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के विशेष इफेक्ट का उपयोग नहीं करना है।
वीडियो पर्याप्त रोशनी में बनाया जाना चाहिए। इसमें आवेदक का चेहरा स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए। आवेदन के साथ पूरा नाम, पता, मोबाइल नंबर और विधा की जानकारी साझा करनी होगी। विधा गायन, वादन या नृत्य में से कोई एक हो सकती है।
किन कलाकारों को नहीं देना होगा ऑडिशन
जिला शिमला के रेडियो और दूरदर्शन से अनुमोदित ‘ए’ और ‘बी हाई’ ग्रेड कलाकारों को इस ऑडिशन प्रक्रिया में भाग लेने की आवश्यकता नहीं है। इन कलाकारों को सीधे मेला में आमंत्रित किया जाएगा। इससे पेशेवर कलाकारों का समय बचेगा।
नए और उभरते हुए कलाकारों के लिए यह एक बेहतरीन अवसर है। वे इस प्रतियोगिता के माध्यम से अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर सकते हैं। सफल कलाकारों को लवी मेला की सांस्कृतिक संध्या में प्रदर्शन का मौका मिलेगा।
आवेदन प्रक्रिया सरल और पारदर्शी
पूरी आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन और पारदर्शी रखी गई है। कलाकारों को कहीं आना-जाना नहीं पड़ेगा। वे घर बैठे अपना वीडियो तैयार करके ईमेल के जरिए भेज सकते हैं। इससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
आवेदन की अंतिम तिथि 05 नवंबर 2025 निर्धारित की गई है। इस तिथि के बाद कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। कलाकारों से अनुरोध है कि वे समय सीमा का पालन करें। विलंब से भेजे गए आवेदन मान्य नहीं होंगे।
मेले का आयोजन चार दिन तक
लवी मेला रामपुर का आयोजन 11 से 14 नवंबर 2025 तक किया जाएगा। यह मेला हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। इसमें विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
मेले में स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ राज्य के अन्य हिस्सों के कलाकार भी भाग लेते हैं। इससे सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलता है। पर्यटकों के लिए भी यह मेला एक आकर्षण का केंद्र होता है।
