Himachal News: भारी बरसात के कारण सोलन जिले के नालागढ़ उपमंडल में स्थित बाहा गांव में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है। इस प्राकृतिक आपदा ने गांव के कई रिहायशी मकानों और पशुशालाओं को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है। कई मकान तो अंदर ही अंदर धंसते जा रहे हैं जबकि अन्य में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से अभी तक उन्हें न तो आर्थिक सहायता मिली है और न ही रहने के लिए सुरक्षित स्थान।
ग्राम पंचायत बाहा का यह गांव स्वारघाट के समीप स्थित है। यहां पहाड़ी से हुए भूस्खलन ने कई परिवारों की जिंदगी को प्रभावित किया है। क्षतिग्रस्त मकान अब रहने लायक नहीं रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि हल्का पटवारी ने गांव का निरीक्षण किया था। इसके बावजूद उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं मिली है। प्रभावित परिवारों ने सरकार और प्रशासन से तत्काल मदद की गुहार लगाई है।
परिवारों की स्थिति चिंताजनक
बाहा गांव के कई परिवार इस भूस्खलन से सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। इनमें चमन लाल पुत्र रक्खा राम, मोहिन्दर सिंह पुत्र मेघ राम और बलविन्द्र सिंह पुत्र श्याम लाल के परिवार शामिल हैं। इसी तरह भगत राम पुत्र रक्खा राम, वासुदेव पुत्र छान्गू राम और श्याम लाल पुत्र देशराज के घर भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। सभी ने हाल ही में हुई भारी बारिश के दौरान अपनी संपत्ति को नुकसान होते देखा है।
मकानों में आईं बड़ी दरारें
भूस्खलन का प्रभाव इतना गहरा है कि कई मकानों की नींव हिल गई है। कुछ मकान तो पहाड़ी के खिसकने के साथ ही ढह गए हैं। जो बचे हैं उनकी दीवारों में गहरी दरारें आ चुकी हैं। ये दरारें लगातार चौड़ी होती जा रही हैं। ग्रामीणों का मानना है कि अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है। उनके लिए अब अपने ही घर में रहना जोखिम भरा हो गया है।
प्रशासन से मदद की उम्मीद
प्रभावित परिवारों ने स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही उन्हें रहने के लिए सुरक्षित जमीन देने का अनुरोध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपनी समस्या से अधिकारियों को अवगत कराया है। हल्का पटवारी द्वारा किया गया निरीक्षण भी इसका प्रमाण है। फिर भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नजर नहीं आई है। उनकी मुश्किलें दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं।
भूस्खलन का कारण
लगातार हुई भारी वर्षा ने इस भूस्खलन को जन्म दिया है। पहाड़ियों का मिट्टी पानी से संतृप्त हो गया है। इससे जमीन अस्थिर हो गई है और बड़े पैमाने पर भूस्खलन की घटना हुई है। बाहा गांव के ऊपर स्थित पहाड़ी से यह स्लाइड शुरू हुई है। यह धीरे-धीरे नीचे बसे गांव तक पहुंच गई है। इस प्रक्रिया ने कई घरों की नींव को हिलाकर रख दिया है। स्थानीय लोग प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए सरकारी सहायता का इंतजार कर रहे हैं।
