शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

भूमि विवाद: गोंडा कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह के खिलाफ दिए FIR का आदेश, जानें क्या है मामला

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Uttar Pradesh News: गोंडा जिले की एक अदालत ने केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश एक भूमि विवाद से जुड़े मामले में दिया गया है। कोर्ट ने मंत्री के साथ उनके प्रतिनिधि राजेश सिंह और तीन अन्य लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। यह मामला स्थानीय निवासी अजय सिंह की शिकायत पर आधारित है, जिन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड जमीन को धोखे से ट्रांसफर करने का आरोप लगाया है।

कोर्ट का आदेश और शिकायत का आधार

सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट की विशेष जज अपेक्षा सिंह ने यह आदेश जारी किया। कोर्ट ने मनकापुर थाने को कीर्ति वर्धन सिंह, राजेश सिंह, पिंकू सिंह, सहदेव यादव और कांति सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया। शिकायतकर्ता अजय सिंह, जो मनकापुर के भिटौरा क्षेत्र के निवासी हैं, ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 173(4) के तहत याचिका दायर की थी। उनकी शिकायत में कहा गया है कि उनकी पत्नी मनीषा सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड जमीन को धोखाधड़ी से दूसरों के नाम ट्रांसफर कर दिया गया।

भूमि विवाद का पूरा मामला

अजय सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड जमीन को धोखे से ट्रांसफर किया गया। इसके लिए मूल मालिक बिट्टन देवी को बहला-फुसलाकर और दबाव डालकर पुराने स्टांप पेपर पर बैकडेटेड सेल डीड तैयार की गई। यह सेल डीड मिथिलेश रस्तोगी और कांति सिंह के नाम पर की गई। अजय सिंह का कहना है कि जब उन्होंने इसकी शिकायत की, तो पुलिस अधीक्षक ने जांच के आदेश दिए। जांच में उनके आरोपों की पुष्टि हुई, और 2024 में पुलिस ने विक्रेता और खरीदारों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया। हालांकि, बाद में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर मामले को बंद कर दिया।

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कोर्ट में अपील और आगे की जांच

पुलिस द्वारा मामले को बंद करने के बाद अजय सिंह ने मार्च 2025 में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को खारिज कर दिया और मामले की आगे की जांच का आदेश दिया। यह जांच अभी भी जारी है। अजय सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि इस बीच राजेश सिंह ने उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ 2024 में स्थानीय पुलिस स्टेशन में झूठा मामला दर्ज कराया। इसके अलावा, राजेश सिंह ने अपने ड्राइवर रिंकू सिंह के माध्यम से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की अन्य धाराओं के तहत एक और मामला दर्ज कराया। अजय सिंह का दावा है कि इन मामलों का मकसद भूमि विवाद को सुलझाने के लिए उन पर दबाव बनाना था।

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धमकियों का आरोप

अजय सिंह ने कोर्ट में कहा कि आरोपी उन्हें लगातार धमकी दे रहे हैं। उनका कहना है कि आरोपियों ने उन्हें विवादित भूमि से जुड़े मामले को आगे न बढ़ाने और समझौता करने के लिए दबाव डाला। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समझौता नहीं किया गया, तो उनके परिवार को नुकसान पहुंचाया जाएगा। अजय सिंह ने बताया कि उन्होंने कई बार पुलिस में शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्हें मजबूरन कोर्ट में अपील करनी पड़ी।

केंद्रीय मंत्री के प्रतिनिधि की प्रतिक्रिया

इस मामले पर केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह के प्रतिनिधि राजेश सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है। उन्होंने बताया कि वह कोर्ट के आदेश की प्रति मिलने के बाद ही इस पर कोई टिप्पणी करेंगे।

वर्तमान स्थिति

वर्तमान में कोर्ट के आदेश के बाद मनकापुर थाने को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। यह मामला गोंडा जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इसमें एक केंद्रीय मंत्री का नाम शामिल है। भूमि विवाद से जुड़े इस मामले में आगे की जांच से यह स्पष्ट होगा कि इस मामले में कितनी सच्चाई है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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