शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

लालू यादव: लैंड फॉर जॉब घोटाले में नए आरोपियों के खिलाफ समन जारी, परिवार पर मंडरा रहे मुसीबतों के बादल

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Delhi News: दिल्ली की एक विशेष अदालत ने लैंड फॉर जॉब घोटाले मामले में नए आरोपियों के खिलाफ समन जारी किए हैं। यह कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर की गई है। इससे पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर मुकदमे का दायरा और बढ़ गया है। अदालत ने बीस सितंबर को यह आदेश पारित किया।

ईडी ने अठ्ठाईस मार्च को यह चार्जशीट दायर की थी। इसमें छह नई जमीनों का खुलासा किया गया है। आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए इन जमीनों को घूस के तौर पर लिया। ये जमीनें बिहार के गोपालगंज और अन्य जिलों में स्थित हैं।

जमीनों का स्वामित्व लालू यादव के बेटों तेजस्वी और तेज प्रताप के नाम कर दिया गया। बदले में जमीन मालिकों या उनके रिश्तेदारों को रेलवे में नौकरी दी गई। यह मामला ग्रुप डी की भर्ती से जुड़ा हुआ है।

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मामले की शुरुआत सीबीआई की एफआईआर से हुई थी। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि वर्ष दो हजार चार से दो हजार नौ के बीच यह घोटाला हुआ। इस दौरान लालू यादव देश के रेल मंत्री थे। सीबीआई पहले ही इस मामले में तीन चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

प्रवर्तन निदेशालय ने आठ जनवरी दो हजार चौबीस को पहली चार्जशीट दायर की थी। इसमें लालू की पत्नी राबड़ी देवी और बेटियों मीसा भारती एवं हेमा यादव को आरोपी बनाया गया। साथ ही उनकी कंपनियों को भी इसमें शामिल किया गया था।

छह अगस्त दो हजार चौबीस को ईडी ने लालू और तेजस्वी के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की। मामले में एक बड़ा मोड़ तब आया जब राष्ट्रपति ने मुकदमा चलाने की मंजूरी दी। राष्ट्रपति ने दो मई दो हजार पच्चीस को इसकी स्वीकृति प्रदान की।

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राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ईडी ने चार्जशीट ट्रायल कोर्ट में दाखिल कर दी। दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट के लिए भी राष्ट्रपति ने अठारह अगस्त को सैंक्शन दिया। ईडी ने पच्चीस अगस्त को इसे अदालत में पेश किया।

अदालत ने नए आरोपियों को समन जारी करने का आदेश दिया है। इससे लालू परिवार की कानूनी मुसीबतें और बढ़ गई हैं। यह मामला अब और गंभीर होता जा रहा है। आगे की कार्यवाही की निगाहें अदालत पर टिकी हैं।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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