Uttar Pradesh News: लखीमपुर खीरी में किसानों और पत्रकार के रौंदे जाने के मामले में बड़ा मोड़ आया है। अदालत में पेश हुए 40 प्रतिशत गवाह अपने बयानों से मुकर गए हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रहा है। तीन अक्टूबर 2021 को हुई इस घटना में चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हुई थी।
इस मामले की सुनवाई जनवरी 2023 से चल रही है। अभियोजन पक्ष ने कुल 103 गवाह पेश किए थे। अब तक केवल 47 गवाहों ने ही अदालत में अपनी गवाही दी है। इनमें से 20 गवाह अपने पूर्व बयानों से पलट गए हैं। केवल 27 गवाहों ने अपने बयानों की पुष्टि की है।
घटना की पृष्ठभूमि
तीन अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी ने किसानों को रौंद दिया था। इस घटना में चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई। बताया जाता है कि वाहन में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा सवार था। इस घटना के बाद इलाके में हिंसा भड़क उठी।
हिंसा में तीन और लोगों की जान चली गई। मृतकों में भारतीय जनता पार्टी के दो कार्यकर्ता और एक कार चालक शामिल थे। इस घटना ने देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल गठित किया।
वर्तमान स्थिति
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश डीएन सिंह की अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है। जिला सरकारी वकील अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि 27 गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए हैं। इनमें से 25 गवाह हिंसा में घायल हुए थे जबकि दो अन्य चश्मदीद गवाह हैं। बचाव पक्ष के वकील ने सभी 27 गवाहों से जिरह की है।
सुप्रीम कोर्ट के दैनिक सुनवाई के आदेश के बावजूद मामला धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। गवाहों के बयानों से मुकरने ने अभियोजन पक्ष की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इससे मामले के निष्पक्ष निपटारे पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। अदालत अब शेष गवाहों की गवाही दर्ज करने की प्रक्रिया जारी रखे हुए है।
