Uttar Pradesh News: लखीमपुर खीरी की अर्चना तिवारी को 13 दिन बाद नेपाल बॉर्डर से बरामद किया गया। पुलिस ने उसे किसी आपराधिक मामले में दर्ज किए बिना परिवार के सदस्यों को सौंप दिया। अर्चना शादी से बचने के लिए भाग गई थी और अपने एक दोस्त की मदद से काठमांडू पहुंची थी।
ताऊ के साथ सुरक्षित लौटीं अर्चना
अर्चना को उसके ताऊ लेने आए थे। वह पूरे समय ताऊ का हाथ पकड़कर उनके बगल में खड़ी रही। उसने मीडिया के सभी सवालों पर चुप्पी साधे रखी। अर्चना के चेहरे पर पश्चाताप का भाव साफ दिखाई दे रहा था। वह किसी से आंखें नहीं मिला पा रही थी।
करियर को लेकर थी चिंता
अर्चना ने पुलिस को बताया कि वह अभी शादी नहीं करना चाहती थी। परिवार ने एक पटवारी के साथ उसकी शादी तय कर दी थी। अर्चना अपना करियर बनाना चाहती थी। इससे पहले भी उसने पांच शादी के प्रस्ताव ठुकराए थे। यही वजह थी कि उसने भागने का फैसला किया।
पुलिस की व्यापक तलाश
अर्चना के भाई ने 8 अगस्त को जीआरपी कटनी में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने 500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज देखे। एनडीआरएफ के जवानों ने जंगलों में तलाशी अभियान चलाया। गोताखोरों ने नर्मदा नदी के 32 किलोमीटर क्षेत्र में खोजबीन की। अंततः उसके कॉल रिकॉर्ड्स से महत्वपूर्ण सुराग मिला।
नेपाल से हुई वापसी
अर्चना ने इटारसी से शुजालपुर, इंदौर, हैदराबाद, जोधपुर, दिल्ली होते हुए यूपी-नेपाल सीमा के रास्ते काठमांडू का सफर तय किया था। उसका बैग ट्रेन के बी3 कोच में मिला था। पुलिस टीम उसे भोपाल लेकर आई और फिर परिजनों को सौंप दिया। अब अर्चना अपने परिवार के साथ कटनी में है।
