शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

लाख कीट: हिमाचल में लाख कीट पालन का हुआ सफल ट्रायल, किसानों के लिए बनेंगे नई उम्मीद

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश में लाख कीट पालन को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ी सफलता मिली है। राजकीय उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, नेरी के वैज्ञानिकों ने लाख कीट विकसित करने में कामयाबी हासिल की। शोध में पाया गया कि हिमाचल का वातावरण लाख कीट पालन के लिए उपयुक्त है। यह पहला सफल ट्रायल है, जो किसानों की आय बढ़ाने में मददगार होगा। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी।

प्रयोग की सफलता

नेरी महाविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग ने शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय, जम्मू से लाए गए लाख कीटों को खैर के पेड़ों पर स्थापित किया। यह प्रयोग पूरी तरह सफल रहा। विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र राणा ने बताया कि बीएससी अंतिम वर्ष के छात्रों को इसकी ट्रेनिंग भी दी गई। हिमाचल के हमीरपुर सहित कई क्षेत्रों की जलवायु लाख कीट पालन के लिए अनुकूल है। यह किसानों के लिए नया अवसर खोलेगा।

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लाख कीट और उनके उपयोग

लाख कीट खैर, पीपल और बैर के पेड़ों पर पनपते हैं। ये कीट टहनियों से पोषण लेकर रेजिन बनाते हैं, जिसे स्क्रैप कर लाख निकाला जाता है। इससे गोंद, लकड़ी पॉलिश, स्याही, सौंदर्य प्रसाधन और इलेक्ट्रिक इंसुलेटर बनते हैं। बाजार में लाख की कीमत 1,500 रुपये प्रति किलो तक है। भारत से 30% लाख जर्मनी और अमेरिका निर्यात होता है, जो वैश्विक मांग को दर्शाता है।

किसानों के लिए प्रशिक्षण

वैज्ञानिकों का कहना है कि एक साल में किसान लाख कीट पालन शुरू कर सकते हैं। ट्रायल की सफलता के बाद अब उत्पादन क्षमता पर शोध होगा। इसके पूरा होने पर किसानों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे वे लाख कीट पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाकर अपनी आय बढ़ा सकेंगे। यह पहल ग्रामीण परिवारों के लिए आर्थिक मजबूती का रास्ता खोलेगी।

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पसंदीदा पेड़ और प्रजातियां

लाख कीट खैर, पीपल और बैर के पेड़ों को पसंद करते हैं। मादा कीट रेजिन बनाती हैं, जबकि नर कीट प्रजनन में मदद करते हैं। पीले रंग के कीट ज्यादा कीमती हैं। 25 डिग्री तापमान इनके लिए आदर्श है। कीट टहनियों पर रहकर रेजिन छोड़ते हैं, जिसे स्क्रैप कर लाख बनाया जाता है। यह प्रक्रिया पर्यावरण के अनुकूल और लाभकारी है।

भविष्य की संभावनाएं

हिमाचल में लाख कीट पालन की सफलता से किसानों में नई उम्मीद जगी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि व्यावसायिक स्तर पर लाख उत्पादन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। प्रशिक्षण और शोध के बाद किसान इसे बड़े पैमाने पर अपना सकते हैं। यह न केवल आय का स्रोत बनेगा, बल्कि हिमाचल को लाख उत्पादन के क्षेत्र में नई पहचान भी देगा।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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