Mandi News: देवभूमि के नाम से मशहूर हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जो सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं और इतिहास को संजोए हुए हैं। इन्हीं में से एक है मंडी जिले के रिवालसर से महज 7 किलोमीटर दूर सरकीधार गांव में स्थित एक ऐतिहासिक झील।
जिन्हें कुंताभ्यो सर के नाम से जाना जाता है। झील के नाम से ही पता चलता है कि इसका संबंध पांडवों की माता कुंती से रहा होगा। कहा जाता है कि इस झील का निर्माण द्वापर युग में पांडवों ने किया था। आज भी लोग इसे देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। लेकिन आज यह प्राकृतिक झील मानवीय हस्तक्षेप के कारण रिवालसर झील की तरह प्रदूषित हो रही है।
जहां वर्षों पहले झील के किनारे कोई मानव आवास नहीं होने के कारण झील का पानी शुद्ध और स्वच्छ था, वहीं अब झील के चारों ओर दर्जनों घर, पशु शेड और दुकानें बन गई हैं। मानवीय हस्तक्षेप के कारण झील को नुकसान हो रहा है। हाल ही में हुई प्रलयंकारी बारिश के दौरान झील का जलस्तर बढ़ गया और झील के आसपास बने घर और खेत पानी में डूब गए. बढ़ते जलस्तर को देख लोग कई तरह की आशंकाओं से भयभीत हो गये.
झील के साथ-साथ 6 छोटी-बड़ी झीलें भी इस बारिश के पानी से लबालब भर गईं. स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 100 साल के इतिहास में उन्होंने इन सात झीलों में इतना पानी नहीं देखा था. वहीं, पर्यावरणविदों का मानना है कि अगर इन ऐतिहासिक स्थलों को भविष्य के लिए बचाना है तो इनके आसपास किसी भी तरह के भवन निर्माण और हस्तक्षेप पर सख्त प्रतिबंध लगाना होगा।