Kullu News: कुल्लू के एसडीएम रहे विकास शुक्ला पर लगे दुष्कर्म के आरोपों की जांच डीएसपी स्तर का अधिकारी करेगा। हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव के आदेश के बाद रविवार रात महिला पुलिस थाना में मामला दर्ज हुआ है। एसडीएम विकास शुक्ला ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए महिला पर एक करोड़ रुपये का मानहानि का दावा ठोका है।
पुलिस अधीक्षक कुल्लू डॉ. कार्तिकेयन ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया जा रहा है कि डीएसपी मनाली को जांच सौंपी जा सकती है। इस मामले ने प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस विभाग में हलचल पैदा कर दी है।
महिला के आरोप
महिला ने एसडीएम पर तीन साल तक शादी का झूठा वादा करने का आरोप लगाया है। उसने आरोप लगाया कि उसका घर तोड़ा गया और जान से मारने की धमकी दी गई। यौन और मानसिक शोषण के भी आरोप लगाए गए हैं। सितंबर 2024 को एसडीएम ने साजिश के तहत उसे अपने निवास पर बुलाया।
महिला ने सामूहिक दुष्कर्म की कोशिश का आरोप लगाया है। उसने एनकाउंटर की धमकी, मारपीट और जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल का भी आरोप लगाया है। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में मेडिकल परीक्षण करवाया गया है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
एसडीएम का पक्ष
एसडीएम विकास शुक्ला ने अपने ऊपर लगे आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है। उन्होंने आरोप लगाने वाली महिला को एक करोड़ रुपये का कानूनी नोटिस भेजा है। नोटिस में दावा किया गया है कि महिला ने झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर पांच लाख रुपये से अधिक की वसूली की।
विकास शुक्ला के वकील ने कहा कि महिला ने एसडीएम पर झूठे आरोप लगाकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि यह मामला ब्लैकमेलिंग और छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश है। एसडीएम कानूनी कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं।
पुलिस जांच
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएसपी स्तर के अधिकारी को जांच सौंपने का निर्णय लिया है। महिला पुलिस थाना में दर्ज इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। पुलिस दोनों पक्षों के बयान और सबूत एकत्र कर रही है।
मामले में मेडिकल रिपोर्ट और तकनीकी सबूतों का विश्लेषण किया जा रहा है। पुलिस ने घटना स्थल का मुआयना भी किया है। जांच अधिकारी संबंधित दस्तावेज और सबूत जुटा रहे हैं। आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगी।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया
हिमाचल प्रदेश प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। मुख्य सचिव के आदेश पर तुरंत कार्रवाई की गई। प्रशासन ने पुलिस को निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं। इस मामले ने प्रशासनिक अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है।
अधिकारियों का कहना है कि कानून अपना काम करेगा। निर्दोषता तब तक बरकरार रहेगी जब तक अपराध साबित नहीं हो जाता। प्रशासन ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जल्द निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। दोनों पक्षों को न्याय मिलना सुनिश्चित किया जाएगा।
